एक ऐसा मामला सामने आया है, जो महिला सुरक्षा और बराबरी के तमाम दावों की पोल खोलता है. मामला मध्य प्रदेश का है, जहां के मुख्यमंत्री खुद को बच्चियों के मामा कहलवाना पसंद करते हैं. यहां एक छात्रा को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया, क्योंकि उसने अपने साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत कर दी थी. निकाला भी ऐसे कि उसका कहीं एडमिशन नहीं हो रहा.
बैतूल में एक सरकारी स्कूल में 12पीं की छात्रा ने आरोप लगाया कि उसने छेड़छाड़ की शिकायत जब प्राचार्य से की तो उसे टीसी देकर स्कूल से निकाल दिया. अब उसे किसी दूसरे स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा. पीड़ित छात्रा ने जिला प्रशासन से शिकायत की है और पुलिस में आवेदन दिया है. प्रशासन ने जांच करवाने की बात की है. वहीं प्राचार्य का कहना है की छात्रा ने खुद आवेदन देकर टीसी ली है.
आरती (बदला हुआ नाम) बैतूल कलेक्टर कार्यालय में अपने परिवार के साथ पहुंची और अपने भविष्य के लिए मदद की मांग की. आरती का कहना है कि कुछ लड़के उसे परेशान करते थे. एक लड़का उसका हाथ पकड़कर उसे स्कूल के पीछे ले गया. इस बात की शिकायत प्रिंसिपल को की तो उन्होंने टीसी देकर स्कूल से निकाल दिया.
आरती ने बताया कि वह टेमुरनी गांव की है और पढ़ने के लिए पुसली जाती थी. पुसली के रवि सोलंकी और उसके साथी छेड़छाड़ करते थे. आरती के पिता का कहना है की शिकायत के बाद आरती से एक आवेदन लिखवाकर उसे टीसी दे दी गई.
उधर, इस मामले में मचे बवाल के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. बैतूल कलेक्टर को पूरे मामले की शिकायत करने पहुंचे ग्रामीणों और पीड़ित छात्रा की शिकायत के बाद प्रशासन ने अब इस पूरे मामले की बारीकी से जांच का भरोसा जताया. पुलिस भी हरकत में आ गई है और उसने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और तलाश जारी है.