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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का भोपाल में हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई

8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश हादसे में एकमात्र जीवित बचे वरुण सिंह की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह. -फाइल फोटो
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह. -फाइल फोटो

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group captain Varun Singh ) का राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ भोपाल के बैरागढ़ मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया. पारंपरिक रीति-रिवाज के बाद इंडियन नेवी में उनके छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह और बेटे ने मुखाग्नि दी. मुक्तिधाम में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को अंतिम विदाई देने उनकी पत्नी, बेटी, उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह, उनकी मां उमा के अलावा अन्य रिश्तेदार पहुंचे थे. 

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इससे पहले तिरंगे में लिपटे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को बैरागढ़ सैनिक अस्पताल से मुक्तिधाम लाया गया. इस दौरान रास्ते में सड़क के दोनों ओर खड़े लोग भारत माता की जय और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अमर रहे के नारे लगाते रहे. अंतिम यात्रा मुक्तिधाम पहुंचने के बाद जवानों ने वरुण सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग समेत सेना के अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. 

गुरुवार को वरुण सिंह का पार्थिव शरीर भोपाल लाया गया था. यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. एयरफोर्स के अफसरों और एमपी सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने भी भोपाल एयरपोर्ट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. 

8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश हादसे में एकमात्र जीवित बचे वरुण सिंह की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. विमान हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 अधिकारी शहीद हो गए थे. वरुण मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे. फिलहाल, वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं. 

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इस साल 26 जनवरी को शौर्य चक्र से किया गया था सम्मानित
वरुण ग्रुप कैप्‍टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे थे. अभिनंदन वर्धमान ने ही 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था. साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर इस कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था. कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनकी उम्र 42 साल थी. उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे. वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं. उनकी पत्‍नी गीतांजली एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं.

क्रैश में सभी 14 लोगों ने गंवाई जान
कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश की बात करें तो उस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और कई दूसरे सीनियर अफसर भी मौजूद थे. इस दुर्घटना में CDS बिपिन रावत, उनके परिवार के सदस्य समेत 14 लोग सवार थे, जिसमें 13 की जान चली गई. अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बच पाए थे... लेकिन बुधवार को उनका भी निधन हो गया. ऐसे में इस हादसे में सभी 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.

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