एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में कोरोना फिर से सिर उठा रहा है तो इसी बीच एक संदिग्ध कोरोना मरीज का शव अस्पताल के टॉयलेट में मिलने के बाद राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, भोपाल के जेपी अस्पताल में भर्ती एक होमगार्ड जवान का शव मिला है, जिस पर अब मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
भोपाल के जेपी जिला अस्पताल के बाथरूम में मंगलवार को एक होमगार्ड जवान का शव संदिग्ध अवस्था में मिला. होमगार्ड जवान पुष्पराज सिंह गौतम जेपी अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती थे. सोमवार से पुष्पराज सिंह लापता थे और मंगलवार को उनका शव वॉर्ड के ही टॉयलेट में मिला.
मृतक होमगार्ड जवान के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सोमवार से वो लोग अस्पताल वालों से गुहार लगा रहे थे कि पुष्पराज को ठीक से देखो लेकिन अस्पताल स्टाफ ने बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखाई और अगले दिन उसी अस्पताल से उनके बेटे का शव मिल गया.
अस्पताल के तीन स्टाफ सस्पेंड
मामले ने तूल पकड़ा तो अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया. 'आजतक' से बात करते हुए जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि 'मामले में लापरवाही के चलते अस्पताल के तीन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. इसके अलावा असपताल की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही एजेंसी को भी नोटिस जारी किया गया है तो वहीं एक प्रभारी डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है'.
दरअसल, होमगार्ड जवान पुष्पराज को 17 मार्च को कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगा था. कुछ दिन बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद रविवार को उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई. अब सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि 'इस मामले में लापरवाही दिखी है, इसलिए दोषियों पर कार्रवाई की गई है और भविष्य में ऐसा न हो इसका ध्यान रखा जाएगा. मौत किसी एक शख्स की भी होना दुखद है और यहां तो सरासर लापरवाही पाई गई है, इसलिए कड़ा रुख अपनाया गया है'.
दूसरी तरफ राजधानी के सरकारी अस्पताल में पहले जवान का लापता होना और बाद में वहीं से उसकी लाश मिलने के मामले में कांग्रेस ने मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है और आरोपियों पर एफआईआर की मांग की है.