मध्यप्रदेश के बड़वानी में अपर कलेक्टर के पद से ट्रांसफर होकर राज्य शिक्षा केंद्र भेजे गए आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ की लीक चैट से हड़कंप मच गया है. आईएएस लोकेश के इस कृत्य के बाद सरकार ने उन्हें नोटिस भी भेज दिया है.
दरअसल, 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ का साढ़े चार साल की नौकरी मे 8 बार ट्रांसफर हो चुका है. हाल ही में उन्हें बड़वानी अपर कलेक्टर पद से राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ किया गया है. जबकि उन्हें बड़वानी का अपर कलेक्टर बने ज्यादा समय नहीं हुआ था. यहां तक तो सब सामान्य था लेकिन अब आईएएस अधिकारियों के एक ग्रुप में जांगिड़ ने बड़वानी कलेक्टर और मध्यप्रदेश में अफसरों के कामकाज को लेकर जो बातें लिखी हैं, उसने ज़रुर सियासत को गरमा दिया है.
इस चैट में लोकेश कुमार जांगिड़, बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा के बारे में लिखते हैं ''कलेक्टर पैसे नहीं खा पा रहे थे शिवराज वर्मा, इसलिए शिवराज सिंह चौहान (होनरेबल सीएम) के कान भरे. दोनों एक ही समुदाय से आते हैं, किरार समुदाय से, जिसकी सेक्रेटरी कलेक्टर की पत्नी हैं और मुख्यमंत्री की पत्नी किरार समाज की प्रेसिडेंट.''
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चैट में लोकेश कुमार जांगिड़ ने लिखा कि रिटायरमेंट के बाद वो एक किताब लिखेंगे और उसमें सभी तथ्य लिखेंगे क्योंकि अभी उनके हाथ बंधे हुए हैं. मैं किसी से नहीं डरता इसलिए सब खुलेआम बोल रहा हूँ. आपको बता दें कि यह चैटिंग जांगिड़ के ट्रांसफर के बाद हुई है. वहीं 11 जून को लोकेश जांगिड़ ने DOPT को पत्र लिख गृह राज्य महाराष्ट्र में 3 साल के लिए इंटर कैडर डेपुटेशन पर जाने की इच्छा जताई है.
जांगिड़ ने लिखा है कि उनके परिवार में टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित करीब 87 साल के दादाजी हैं और उनकी 57 वर्षीय मां है. परिवार को उनकी जरूरत है, इसलिए उन्हें 3 साल के लिए महाराष्ट्र इंटर कैडर डेपुटेशन पर जाने की इजाज़त दी जाए.
सरकार ने भेजा नोटिस- मंत्री सारंग
आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ के इस कृत्य को सरकार ने गंभीरता से लिया है. मंत्री विश्वास सारंग ने आजतक से बात करते हुए बताया कि 'आईएएस अफसर किसी भी पद पर बैठे हों उन्हें अनुशासनहीनता करने का अधिकार नहीं है. अपने सीनियर अधिकारी के बारे में इस तरह टिप्पणी करना वो भी ग्रुप में सार्वजनिक तौर पर, यह एक अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शासन ने अधिकारी को नोटिस जारी किया है उसमें उन्हें अपनी सारी बातें स्पष्ट करना होंगी. सब जानते हैं कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है जिससे सभी अफसरों को गुजरना ही पड़ता है. ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नहीं देखना चाहिए'.
कांग्रेस ने उठाये सवाल
दूसरी तरफ कांग्रेस ने लोकेश कुमार जांगिड़ के बार-बार तबादले पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'प्रदेश के आईएएस लोकेश जांगिड का, बड़वानी में कोरोना में काम आने वाले उपकरणो की ख़रीदी में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के कारण तबादला किये जाने का मामला सामने आ रहा है. वहीं उनकी वायरल चैट में “किरार महासभा“ का जिस तरह से ज़िक्र किया गया है, वो बेहद चौकने वाला है, एक ईमानदार अफ़सर ने प्रदेश छोड़ने का मन बना लिया है. मुख्यमंत्री व ज़िम्मेदारों को सामने आकर उनके तबादले का कारण व इस वायरल चैट पर सारी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये. प्रदेश में इस कोरोना महामारी में भी पदों की बोली, भ्रष्टाचार का खेल, संरक्षण व तबादला उद्योग चालू है.'' (इनपुट- जैद)