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MP: श्योपुर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिखों को निशाना बनाने के आरोप, जांच के आदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भू-माफिया के ख़िलाफ़ चलाई जा रही मुहिम के दौरान श्योपुर जिला प्रशासन की ओर से मनमानी किए जाने के आरोपों की जांच के आदेश जारी किए हैं.

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सिरसा ने लगाया सिखों को डराने का आरोप
सिरसा ने लगाया सिखों को डराने का आरोप

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  • 'सिख समुदाय के लोगों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है'
  • सरकार ने अधिकारियों से श्योपुर जाकर लोगों से बात करने को कहा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भू-माफिया के ख़िलाफ़ चलाई जा रही मुहिम के दौरान श्योपुर जिला प्रशासन की ओर से मनमानी किए जाने के आरोपों की जांच के आदेश जारी किए हैं. इससे पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि मुहिम के नाम पर सिख समुदाय के लोगों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है.

सिरसा ने ट्वीट में आरोप लगाया कि श्योपुर जिले की करहल तहसील में सिखों को डराया-धमकाया जा रहा है और उन्हें अपने गांवों से बाहर निकाला जा रहा है, इसका मकसद उनकी ज़मीन को हड़पना है. सिरसा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब उन्हीं की शह पर हो रहा है जो 1984 से ही सिखों के खिलाफ हैं.

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कमलनाथ ने सिखों की सरकारी समिति के प्रतिनिधिमंडल को श्योपुर जाकर प्रभावित लोगों से बात करने के लिए कहा है. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सरकारी सिख समिति के संयोजक नरेंद्र सलूजा करेंगे. सलूजा मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक भी हैं.

सलूजा ने इंडिया टुडे को बताया, “समिति सभी प्रभावित पक्षों से, जिसमें जिला प्रशासन, स्थानीय लोगों और सिख समुदाय के सदस्यों से बात करेगी. इसके बाद मुख्यमंत्री को निष्कर्षों से अवगत कराया जाएगा.”

बता दें कि सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को दिन में श्योपुर के जिला अधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और तत्काल दखल देने की मांग की.

जिला अधिकारी प्रतिभा पाल ने हालांकि साफ किया कि जिले में मुहिम के दौरान कुछ भी अवैध नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “सरकारी और आदिवासियों की जमीन को भू माफिया के कब्जे से मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई गई है. ये राज्य सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में चलाई जा रही बड़ी मुहिम ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ का हिस्सा है. जमीन के सभी अवैध कब्जेदारों की पहले पहचान की जाएगी और फिर प्रक्रिया के हिसाब से अतिक्रमण को हटाया जाएगा.

जिला प्रशासन ने बीते चार दिनों में सरकारी और आदिवासियों की करीब 100 एकड़ ज़मीन को अवैध कब्ज़ादारों से मुक्त कराया है.

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वहीं सिख समुदाय का आरोप है कि वैध मालिकाना दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है.

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