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MP: अवैध उत्खनन पर कांग्रेस की फजीहत, कमलनाथ के मंत्री ने ही उठाए सवाल

कांग्रेस जब मध्य प्रदेश की सत्ता पर 15 सालों के बाद काबिज हुई तो अवैध उत्खनन को लेकर खुद कठघरे में खड़ी हो गई है. हैरानी की बात है कि कांग्रेस  सरकार को अवैध उत्खनन के मामले में घेरने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह हैं.

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कमलनाथ के मंत्री ने खुद की सरकार पर खड़े किए सवाल (फोटो-रवीश पाल सिंह)
कमलनाथ के मंत्री ने खुद की सरकार पर खड़े किए सवाल (फोटो-रवीश पाल सिंह)

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  • मध्य प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन मामला
  • जब अपने ही मंत्री के बयान से घिर गई कांग्रेस

मध्य प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है. पहले कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के परिवार और उनके करीबियों पर अवैध उत्खनन का आरोप लगाते हुए जमकर घेरा. वहीं कांग्रेस अवैध उत्खनन के मामले में सवालों के घेरे में आ गई है वह भी सरकार के मंत्री की ओर से. आखिर कैसे शिवराज पर अवैध उत्खनन के आरोपों की झड़ी लगाने वाली कांग्रेस खुद अवैध उत्खनन के मामले में फस गई, पढ़िए इस रिपोर्ट में.

दरअसल, मध्य प्रदेश में बीते 15 सालों के दौरान बीजेपी के शासन काल में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अवैध उत्खनन को बड़ा मुद्दा बनाया था. यहां तक कि कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों और करीबियों तक को अवैध उत्खनन में शामिल बताते हुए जमकर आरोप लगाए थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तो नर्मदा परिक्रमा के दौरान शिवराज सिंह चौहान पर नर्मदा नदी को छलनी करने तक के आरोप लगाए.

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 वहीं कांग्रेस जब मध्य प्रदेश की सत्ता पर 15 सालों के बाद काबिज हुई तो अवैध उत्खनन को लेकर खुद कठघरे में खड़ी हो गई है. हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस  सरकार को अवैध उत्खनन के मामले में घेरने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह हैं.

कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में अवैध उत्खनन का मुद्दा सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाया लेकिन अब हमारी सरकार है और मैं जनता से किया वादा पूरा नहीं कर पा रहा हूं. वहीं गोविंद सिंह ने कहा, '15 सालों में विपक्ष में रहकर जितने वादे जनता से किए थे वो अब पूरे नहीं होने पर मुझसे सवाल पूछे जाते हैं. इस मामले में मैं जल्द ही सीएम कमलनाथ से मुलाकात करूंगा.'

बता दें कि डॉक्टर गोविंद सिंह भिंड जिले के लहार विधानसभा से विधायक हैं और कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री हैं. उनके जिले से चंबल नदी निकलती है, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन होता है. जिसके खिलाफ विपक्ष में रहते हुए डॉक्टर गोविंद सिंह ने खूब लड़ाई लड़ी और अब जब सरकार आई तो अवैध उत्खनन पर कोई कार्रवाई न होते देख उनका दर्द छलक ही गया.

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हालांकि अपने मंत्री के आरोपों पर कांग्रेस धर्म संकट में फंस गई है. मंत्री की बात का खंडन भी नहीं कर सकते और अगर समर्थन किया तो सीधे-सीधे निशाने पर आ जाएंगे. वहीं अपने साथी मंत्री की बात पर सूबे के ही एक और मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि मीडिया को गोविंद सिंह का भाव समझना चाहिए. उनका गुस्सा सरकार पर नहीं बल्कि अवैध उत्खनन पर है और अगर उन्हें वाकई कोई नाराजगी है तो इसका निराकरण किया जाएगा.

शिवराज सरकार पर सबसे ज्यादा अवैध उत्खनन का आरोप लगाने वाली कांग्रेस जब अपने ही मंत्री के बयान से घिर गई तो जाहिर सी बात है बीजेपी को मौका मिलना ही था. बीजेपी की तरफ से फ्रंट फुट पर आकर मोर्चा संभाला खुद शिवराज सिंह चौहान ने जो हमेशा अवैध उत्खनन के मामले में कांग्रेस के निशाने पर रहे थे. 'आज तक' से बात करते हुए शिवराज ने कहा, 'पूरी नदिया खोद डाली गई है, पहाड़ खोद डाले गए हैं. ऊपर से लेकर नीचे तक बंधे हैं. यह मंत्री कह रहे हैं. यह गजब सरकार है. इस लूट को रोकें मुख्यमंत्री. इसी को तो अंधेर नगरी चौपट राजा कहते हैं. अवैध उत्खनन के खिलाफ आंदोलन होगा.'

दरअसल मध्यप्रदेश में नर्मदा तावा चंबल समेत कई छोटी-बड़ी नदियों में धड़ल्ले से अवैध उत्खनन होता रहा है. इससे जहां नदियों के पारिस्थितिक तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ा है तो वहीं प्रदेश के सरकारी खजाने को भी कई हजार करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है और ऐसे में कांग्रेस ने चुनाव के वक्त अवैध उत्खनन को मुद्दा बनाते हुए इस पर लगाम लगने का वादा तो किया था लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस अपने वादे पर अमल नहीं कर पाई है.

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