मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शहरों की सूरत बिगाड़ने वाले अवैध होर्डिंग और पोस्टरों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. बुधवार को सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक 6 ट्वीट करते हुए कहा कि यदि उनका भी चेहरा किसी अवैध होर्डिंग या पोस्टर पर लगा हो तो उसे हटाने में प्रशासन संकोच ना करे.
सार्वजनिक स्थानों पर लगे होर्डिंग हटवायें
बुधवार को ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा कि 'बगैर अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर लगे होर्डिंग - पोस्टर - बैनर को लेकर मैंने कड़ा निर्णय लेते हुए, स्पष्ट रूप से निर्देश दिये हैं कि प्रदेश भर से इन्हें तत्काल हटाया जाये. होर्डिंग पर यदि मेरे भी फोटो लगे हों तो उन्हें भी हटाने में जरा भी संकोच ना बरता जाये.'
उन्होंने कहा, 'प्रदेश की सुंदरता पर इन अवैध होर्डिंग- पोस्टर- बैनर के कारण दाग लग रहा था, इनसे आये दिन हादसे व दुर्घटनाएं भी घटित हो रही थीं, इन सब को दृष्टिगत रखते हुए मैंने यह सख्त कदम उठाया है. ऐसा कोई सार्वजनिक स्थल नहीं था, जहां पर ये अवैध होर्डिंग नजर ना आते हों. यातायात संकेतकों, महापुरुषों की प्रतिमाओं, रोटरियों, बिजली के खंबों, भवनों हर सार्वजनिक स्थलों पर लगे यह होर्डिंग शहरों की सुंदरता पर दाग होकर दुर्घटनाओं को न्यौता देते दिखाई देते हैं.'
बग़ैर अनुमति के सार्वजनिक स्थानो पर लगे होर्डिंग - पोस्टर - बैनर को लेकर मैंने कड़ा निर्णय लेते हुए ,स्पष्ट रूप से निर्देश दिये है कि प्रदेश भर से इन्हें तत्काल हटाया जाये।
होर्डिंग पर यदि मेरे भी फ़ोटो लगे हो तो उन्हें भी हटाने में ज़रा भी संकोच ना बरता जाये।
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 6, 2019
यातायात संकेतको ,महापुरुषों की प्रतिमाओं , रोटरीयो , बिजली के खंबों , भवनो हर सार्वजनिक स्थलों पर लगे यह होर्डिंग शहरों की सुंदरता पर दाग़ होकर दुर्घटनाओं को न्यौता देते दिखाई देते है।
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प्रदेश की सुंदरता पर इन अवैध होर्डिंग- पोस्टर- बैनर के कारण दाग़ लग रहा था ,इनसे आये दिन हादसे व दुर्घटनाएँ भी घटित हो रही थी, इन सब को दृष्टिगत रखते हुए मैंने यह सख़्त क़दम उठाया है।
ऐसा कोई सार्वजनिक स्थल नहीं था , जहाँ पर ये अवैध होर्डिंग नज़र ना आते हो।
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हो सकता है कि यह निर्णय कुछ लोगों को ठीक ना लगे लेकिन मेरे लिये प्रचार-प्रसार से ज़्यादा प्रदेश की सुंदरता , नागरिकों की सुरक्षा है।
इस निर्णय के पालन में कोई कोताही नहीं बरती जाने के मेरे द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए है।
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मैं अपनी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं से व अन्य राजनीतिक दलो के प्रमुख जनो से , जनप्रतिनिधियो से , सामाजिक संस्थाओ ,सामाजिक कार्यकर्ताओं ,मीडिया से भी अपील करता हुँ कि इस निर्णय के पालन में अपनी तरफ़ से हमें सहयोग करे।
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प्रदेश हित में यह एक क्रांतिकारी फ़ैसला है और हमारे लिये प्रदेश हित व जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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नागरिकों की सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण
सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा कि 'हो सकता है कि यह निर्णय कुछ लोगों को ठीक ना लगे लेकिन मेरे लिये प्रचार-प्रसार से ज़्यादा प्रदेश की सुंदरता, नागरिकों की सुरक्षा है. इस निर्णय के पालन में कोई कोताही नहीं बरती जाने के मेरे द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए हैं. मैं अपनी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं से व अन्य राजनीतिक दलों के प्रमुख जनों से , जनप्रतिनिधियों से, सामाजिक संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मीडिया से भी अपील करता हूं कि इस निर्णय के पालन में अपनी तरफ से हमें सहयोग करें. प्रदेश हित में यह एक क्रांतिकारी फैसला है और हमारे लिये प्रदेश हित व जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता है.'
दरअसल, जब नगर निगम की टीम इंदौर में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के पोस्टरों को उतारने गई थी तब उसके साथ बदसलूकी की गई थी. उसके बाद बीजेपी ने कमलनाथ सरकार की पुलिस पर हमला करते हुए कहा, 'निगम अधिकारी और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करने वाले कांग्रेस से जुड़े हैं इसलिए पुलिस उनपर कार्रवाई नहीं कर रही है.'
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, 'आकाश विजयवर्गीय के मामले में तेजी दिखाते हुए पुलिस ने उन्हें शाम तक जेल भेज दिया था लेकिन सिलावट के पोस्टरों को हटाने गयी टीम के साथ बदसलूकी के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नही की गई?'