आयकर विभाग ने भोपाल में बीजेपी नेता सुशील वासवानी की बताई जा रही दो बेनामी संपत्तियां अटैच की हैं. इस बीजेपी नेता पर नोटबंदी के दौरान महानगर सहकारी बैंक के जरिये करीब 150 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने का आरोप है. पिछले साल 20 दिसंबर को आयकर विभाग इस संबंध में उनके खिलाफ छापे भी मारे थे.
इस जांच में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक, इन दोनों बेनामी संपत्तियों की कीमत 10 करोड़ रुपये आंकी गई है. इनमें से एक निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और दूसरी निर्माणाधीन मॉल है.
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों संपत्तियां कागज़ों में तो सनविजन इंफ्राटेक प्रा. लि. और गुरुमुख दास कॉन्ट्रैक्टर प्रा. लि. के नाम पर दिखाई गई है, लेकिन बीजेपी नेता वासवानी के पास से जब्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि हकीकत में वासवानी ही इन दोनों संपत्तियों के मालिक हैं.
दरअसल दिसबंर में वासवानी के ठिकानों पर पड़े आयकर विभाग के छापे में कई ऐसे दस्तावेज मिले थे, जिसे कालेधन को सफेद करने के सारे खेल का खुलासा हुआ था.
इस मामले के उजागर होने के बाद से ही विपक्षी कांग्रेस हमलावर थी और उसका आरोप था कि वासवानी अपना ही नहीं, बल्कि बीजेपी और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के कालेधन को सफेद बनाने का काम किया.
एक मामूली बस कंडक्टर से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने वासवानी को मौजूदा शिवराज सरकार ने एमपी हाउसिंग कॉर्पोरेशन का अध्यक्ष नियुक्त किया था, जिस वजह से उन्हें राज्य में मंत्री का दर्जा प्राप्त था.