Russia-Ukraine Conflict: यूक्रेन में युद्ध के खतरे (Danger of war in ukraine) के बीच फंसे 20 हज़ार भारतीय स्टूडेंट्स भारत सरकार से सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं. छात्रों ने वापसी के लिए सोशल मीडिया पर संदेश जारी किया है. वहीं छात्रों के परिजन से मध्य प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट ने बात की है. मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि सभी छात्रों की जल्द सकुशल वापसी होगी.
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इंदौर के लगभग 70 छात्र छात्राएं यूक्रेन में अध्ययनरत हैं, जिन्हें भारत वापस लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. संत शिरोमणि रविदास महाराज के 645वें जन्म उत्सव के आयोजन में शामिल होने आए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) से चर्चा की है. सिलावट ने कहा कि यूक्रेन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए छात्र-छात्राओं के अभिभावक काफी चिंतित हैं. प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि भारत के सभी नागरिक, छात्र-छात्राएं सुरक्षित स्वदेश वापस लौट आएं.
छात्र के पिता बोले- हमें हो रही है बेटे की चिंता
इंदौर के तिरुपति नगर में रहने वाले प्रणय राव पिछले 5 साल से यूक्रेन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके माता पिता को बेटे की चिंता हो रही है. प्रणय के पिता का कहना है कि अभी तो कोई परेशानी नहीं है, फिर भी हमें चिंता हो रही है. सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए.
'इंडियन एंबेसी से नहीं मिल रहा कोई जवाब'
इंडियन एंबेसी (Indian Embassy Ukraine) के फेसबुक पेज पर 25 जनवरी को सिर्फ यह मैसेज आया कि हम परिस्थितियों पर ध्यान दे रहे हैं. 20 दिन से फेसबुक पेज पर कोई अपडेट नहीं आया. मंगलवार को दूतावास ने पत्र जारी किया है. यूक्रेन से भारत आने वाली कई फ्लाइट्स निरस्त हो चुकी हैं. जो फ्लाइट्स बाकी हैं, उनमें इंदौर के लिए ढाई से तीन गुना किराया वसूला जा रहा है. पहले किराया 25 से 30 हजार रुपये था, जो अब कई गुना बढ़ गया है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. हम इंडियन एंबेसी से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
यूक्रेन से आने से पहले छात्रों को करना होगा ये काम, वर्ना लगेगी हजारों की पेनॉल्टी
यूनिवर्सिटी के प्रोटोकॉल के मुताबिक, इंडियन एंबेसी की जानकारी के बगैर देश लौटने पर एक दिन की 1500 रुपये पेनाल्टी लगती है. जितने दिन भारत में रहेंगे, उसके लिए पेनाल्टी के तौर पर हजारों रुपये यूनिवर्सिटी को देने होंगे. बिना बताए जाने पर उपस्थिति कम मानी जाएगी और 100% से कम उपस्थिति पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा. प्रणय की मां मीना राव ने कहा कि डर तो लगता है, पर फोन पर बेटे से बात करके सुकून मिलता है. सरकार को बच्चों को देश बुला लेना चाहिए. जैसे कोरोना के समय बुलाया था, उसी तरह बुला लेना चाहिए.