कहते है मां-बाप के गुनाह की सजा उसके बच्चों को मिलती है. ऐसा ही एक मामला इंदौर में देखने को मिला. यहां एक हिस्ट्रीशीटर पिता के गुनाहों की सजा दुधमुंहे मासूम को मिल गई. पिछले दिनों घर में शराब मिलने पर एक महिला और घर के अन्य सदस्यों को लसूड़िया थाना पुलिस ने जेल भेज दिया. मां का दूध और ममता का आंचल नहीं होने से बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी और गंभीर हालत में उसे ICU में भर्ती किया गया है.
इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए मां को तत्काल जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिस पर सोमवार को विशेष न्यायधीश द्वारा सुनवाई कर महिला को जमानत पर रिहा किया गया. मामला इंदौर के लसूड़िया क्षेत्र के इंदिरा नगर का है, जहां लसूड़िया पुलिस ने 29 मार्च को होली के दिन हिस्ट्रीशीटर के घर पर छापा मार कार्यवाही करते हुए मौके से शराब जब्त की.
पुलिस ने आरोपी की पत्नी खुशी और घर की अन्य महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. जिस पर पुलिस द्वारा कुछ जरूरी कागजी खानापूर्ति कर महिला को जेल भेज दिया गया था. वहीं, हाईकोर्ट के वकील राम बजाड़ गुर्जर व सारांश जैन के मुताबिक अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष निर्वाचन आवेदन प्रस्तुत किया था जो कि निरस्त कर दिया गया.
जिसके बाद अधिवक्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि महिला के 8 माह के बच्चे की हालत बिगड़ गई है. जिसका निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाया जा रहा है, हालांकि सोमवार को मासूम कि मां को जमानत मिल गई और महिला जेल से छूटने के बाद सीधे अपने बेटे से मिलने हॉस्पिटल पहुंची.