मीटू कैंपेन के तहत हर दिन हो रहे खुलासों ने पूरे देश का ध्यान खींचा है. बॉलीवुड से लेकर राजनीति और पत्रकारिता जैसे अहम क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं ने अपने साथ हुई बदसलूकी और यौन शोषण की करतूतों का भंडाफोड़ किया है. महिलाओं की व्यथा को जहां बड़े रूप में समर्थन मिल रहा है, वहीं कुछ लोग टाइमिंग का हवाला देते हुए शिकायतकर्ताओं की मंशा पर भी सवाल उठा रहे हैं.
इस कड़ी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज के बाद अब पार्टी की एक महिला विधायक ने भी सवाल उठाए हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर से बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा है कि महिलाएं तरक्की के लिए शार्ट कट अपनाती हैं.
स्वार्थ के लिए समझौता
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा के केंद्र में रहने वाली उषा ठाकुर ने #MeToo कैंपेन के जरिए सामने आने वाली घटनाओं पर कहा है कि महिलाएं निजी स्वार्थों के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता करती हैं. उन्होंने कहा, 'समझौता करने के चलते ही महिलाएं समस्याओं में फंसती हैं. जीवन मूल्यों से समझौता कर पाई गई सफलता निरर्थक है.'
अकबर का इस्तीफा नहीं
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर पर भी कई महिलाओं ने शोषण के आरोप लगाए हैं. जिसे लेकर विपक्षी समेत कई फोरम से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. इस पर उषा ठाकुर ने कहा कि इस्तीफे से इसका हल नहीं निकलेगा.