22 फरवरी यानी आज इंदौर में एक शादी है. ये शादी कई मायनों में बाकी शादियों से अलग है. आप बहुत सी शादियों में शामिल हुए होंगे और आपने दूल्हे को घोड़ी पर, कार में आते हुए देखा होगा. बारात का कई बार आपने ऐसे ही स्वागत किया होगा. लेकिन इंदौर के एक घर में जो बारात आ रही है वो अलग है, सबसे जुदा है. क्योंकि इस बारात में दूल्हा न तो घोड़ी पर सवार हो कर आ रहा है, न कार में. वो स्ट्रेचर पर लेट कर आ रहा है, और स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे फेरे लेगा.
22 फरवरी को होने वाली ये शादी कई मायनों में अलग है. आप सोच रहे होंगे कि लड़का बीमार होगा और शादी की तारीख टल नहीं सकती इसलिए वो फिलहाल स्ट्रेचर पर आ रहा है और शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. वो लड़का पिछले पांच वर्षों से स्ट्रेचर पर है. एक दुर्घटना में उसके पूरे शरीर को लकवा मार गया और गर्दन के नीचे का उसका पूरा हिस्सा अब हिलता-डुलता नहीं. पिछले पांच वर्षों से वो जिंदा लाश भर है.
लेकिन पांच साल पहले वो हंसता-खेलता एक स्वस्थ लड़का था और जब वो स्वस्थ लड़का था, तभी इस लड़की से उसकी दोस्ती हुई थी. दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे और तभी ये दुर्घटना घट गई. लड़का बच तो गया, लेकिन डॉक्टरों ने कह दिया कि वो अब कभी अपने पांव पर खड़ा नहीं हो सकता.
इस हादसे के बाद लड़की के घरवालों ने अपनी बेटी पर लड़के के घर जाने पर रोक लगा दी. लड़के के मां-बाप ने भी सख्त मनाही कर दी कि वो लड़की उनके बेटे से नहीं मिल सकती. लेकिन लड़की ने हार नहीं मानी, उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी. नौकरी पाई और अपने पांव पर खड़ी हो गई. दफ्तर आते-जाते वो लड़के के घर जाती. लड़के के मां-बाप उसे लड़के से मिलने नहीं देते. लेकिन लड़की ने कभी कुछ नहीं कहा. वो घर जाती, बाहर यूं ही बैठी रहती. आखिर एक दिन लड़के के बूढ़े मां-बाप का दिल पिघल गया. उन्होंने लड़की को उससे मिलने की इजाजत दी और लड़की लड़के से मिली.
लड़के का पूरा शरीर लकवाग्रस्त है. लड़की उससे मिलती और दोनों की आंखें बातें करतीं, बहुत सी बातें. मुहब्बत की बातें, गुजरे हुए पलों की बातें और बातें. सब ने बहुत समझाया, लड़की को बताया कि उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. लेकिन लड़की किसी की सुनने को तैयार नहीं हुई. उसे किसी और का साथ नहीं चाहिए था. उसे चाहिए था, बस वही जिसके साथ उसने कभी प्यार के चार पल गुजारे थे.
आखिर मजबूर होकर लड़की और लड़के के मां-बाप ने हामी भर दी और इसी हामी के बूते आज 22 फरवरी को लड़की को उसकी चाहत से मिलने का मौका मिल जाएगा, सदा सदा के लिए. लड़के के बूढ़े मां-बाप ने तो शायद इसलिए हामी भर दी कि उन्हें बाद में लगने लगा कि उनके पीछे कम से कम लड़की उनके बेटे का ध्यान रखेगी और लड़की के मां बाप के पास अपने पांव पर खड़ी लड़की की चाहत के आगे झुकने के सिवा कोई दूसरा चारा ही नहीं बचा था.
मुझे नहीं पता कि इस शादी का अंजाम क्या होगा, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि इस रिश्ते को मैं क्या नाम दूंगा? अगर आपके पास कोई जवाब हो तो जरूर दीजिएगा. इंतजार रहेगा...