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इंदौर में 'मानव कैप्सूल' से बना नया कीर्तिमान, जेनेरिक दवाओं का बताया महत्व

ये कैप्सूल बिल्कुल वैसा ही था जैसा दवाओं में मिलता है. यहां तक कि कैप्सुल के दो रंगों की ही तरह इस ह्यूमन कैप्सूल में भी दो रंगों के कपड़े पहनकर छात्रों को खड़ा किया. इसके बाद करीब 15 मिनट तक ये युवा एक ही जगह पर खड़े रहे जिससे एक ह्यूमन कैप्सूल की तस्वीर दिखने लगी.

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इंदौर में एक हजार युवाओं ने मिलकर बनाया 'मानव कैप्सूल'
इंदौर में एक हजार युवाओं ने मिलकर बनाया 'मानव कैप्सूल'

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  • नीले-सफेद कपड़े पहनकर एक हजार युवाओं ने बनाया कैप्सूल
  • गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किए जाने का दावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ भारत अभियान को साकार करने और जेनेरिक दवाओं का महत्व बताने के लिए इंदौर में सैकड़ों युवाओं ने मिलकर 'ह्यूमन कैप्सूल' बनाया. दरअसल, फार्मासिस्ट दिवस पर बुधवार को इंदौर के एक निजी कॉलेज के छात्रों ने ह्यूमन कैप्सूल बनाया. इसमे करीब एक हजार युवाओं ने सफेद और नीले कपड़े पहने और एक ह्यूमन कैप्सूल बनाया. 

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ये कैप्सूल बिल्कुल वैसा ही था जैसा दवाओं में मिलता है. यहां तक कि कैप्सुल के दो रंगों की ही तरह इस ह्यूमन कैप्सूल में भी दो रंगों के कपड़े पहनकर छात्रों को खड़ा किया. इसके बाद करीब 15 मिनट तक ये युवा एक ही जगह पर खड़े रहे जिससे एक ह्यूमन कैप्सूल की तस्वीर दिखने लगी.

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इस ह्यूमन कैप्सूल को बनाने वालों का कहना है कि आजकल लोग कम कीमत पर मिलने वाली जेनेरिक दवाओं को छोड़ महंगी कीमतों वाली नामी कम्पनियों की दवाएं ले रहे हैं और इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए ह्यूमन कैप्सूल का कॉन्सेट अपनाया गया. 

अब इस ह्यूमन कैप्सूल को गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दिलाने की तैयारी चल रही है क्योंकि इसे बनाने वालों का दावा है कि एक ही जगह पर इतनी ज्यादा संख्या में एक साथ लोगों ने ह्यूमन कैप्सूल इससे पहले नहीं बनाया.

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