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इंदौर के डॉक्टरों ने पाकिस्तान के बच्चे को दी नई मुस्कान, अस्पताल ने नहीं ली फीस

भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन आम लोगों के बीच रिश्तों में ज्यादा तल्खी नहीं दिखती. पाक से आए लोगों का देश में मान-सम्मान मिलता है, खासकर इलाज के लिए यहां आने वालों को. पाक से आए ऐसे ही एक नवजात को नई जिंदगी दी है भारतीय डॉक्टरों ने.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन आम लोगों के बीच रिश्तों में ज्यादा तल्खी नहीं दिखती. पाक से आए लोगों का देश में मान-सम्मान मिलता है, खासकर इलाज के लिए यहां आने वालों को. पाक से आए ऐसे ही एक नवजात को नई जिंदगी दी है भारतीय डॉक्टरों ने.

पाकिस्तान का मूसा मलिक अब आम बच्चों की तरह खुलकर मुस्कुरा सकता है और लोग हैरतभरी निगाहों से भी नहीं देखेंगे क्योंकि पड़ोसी देश से आए इस एक साल के बच्चे के कटे-फटे होंठ और तालू का इंदौर के डॉक्टरों के एक दल ने सफल ऑपरेशन किया है.

2 ऑपरेशन के बाद मिली कामयाबी

शहर के एक अस्पताल में इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम के अगुवा सर्जन जयदीप सिंह चौहान ने बताया कि रावलपिंडी में रहने वाले मूसा के कटे-फटे होंठ और तालू की शल्य चिकित्सा दो चरणों में की गई. एक वर्षीय बालक का पहला ऑपरेशन अप्रैल में किया गया, जबकि उसकी दूसरा ऑपरेशन तीन दिन पहले की गई.

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उन्होंने बताया कि मूसा कटे-फटे होंठ और तालू के साथ पैदा हुआ था. एक अनुमान के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप में ऐसी जन्मजात विकृति हर 800 में से एक बच्चे में पाई जाती है.

अस्पताल ने नहीं ली फीस

चौहान ने बताया कि मूसा के ऑपरेशन के बदले उसके परिवार से कोई फीस नहीं ली गई. इस काम में गैर सरकारी संगठन 'स्माइल ट्रेन इंडिया' ने भी अस्पताल की मदद की.

मूसा के पिता कामरान मलिक (35) पाके पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में स्टील वेल्डिंग का काम करते हैं. कामरान ने कहा, 'मैं भारत में अपने बेटे की सर्जरी से संतुष्ट हूं और इंदौर में उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों का व्यवहार बेहद शानदार था.'

बच्चे की मां सायमा ने अपने बेटे की सर्जरी के लिए दो बार मेडिकल वीजा प्रदान करने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे के कटे-फटे होंठ और तालू के कारण पहले लोग उसे अजीब निगाहों से देखते थे, लेकिन उसके सफल ऑपरेशन के बाद अब उसको लेकर लोगों का रवैया बदल जाएगा.'

सायमा ने कहा, 'अगली बार हम पर्यटन वीजा पर भारत आना चाहते हैं, ताकि आगरा में ताजमहल के दीदार की हमारी ख्वाहिश पूरी हो सके.'

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