कल्पना कीजिए, एक इंसान जो बीते 25 वर्षों से नौकरी कर रहा है. वह जिसके पूरे कार्यकाल का वेतन करीब 50 लाख रुपये है. पेशे से सरकार कर्मचारी है. लेकिन रविवार सुबह पर घर पर लोकायुक्त का छापा पड़ता है, तो अंदरखाने से एक-दो-तीन नहीं, बल्कि पूरे 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा होता है. जाहिर तौर पर यह सब मेहनत के बल पर तो हुआ नहीं होगा, लेकिन जूनियर फूड इंस्पेक्टर साहब खुद को निर्दोष बताने से भी नहीं चूक रहे हैं.
मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस ने एक और धन कुबेर का पर्दाफाश किया है. इंदौर में रविवार को पुलिस ने जूनियर फूड इंस्पेक्टर अश्विन नायक के निवास पर रेड डाली. सुबह 10 बजे तक की छानबीन में नायक के घर से 15 लाख नकद, लाखों के जेवर समेत करीब 10 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं.
लोकायुक्त डीएसपी बी परिहार के मुताबिक, अश्विन नायक के घर से दो गैस एजेंसी समेत कई ठिकानों पर भूखंड और खेती की जमीन के दस्तावेज मिले हैं. जूनियर फूड इंस्पेक्टर अश्विन खंडवा में पदस्थ है और अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उनकी तनख्वाह 50 लाख के करीब होती है. लेकिन बेहिसाब संपत्ति का आंकड़ा 50 करोड़ के ऊपर जाने की संभावना है. अश्विन नायक पिछले कई महिनों से बगैर सूचना के नौकरी से गायब थे. पूरे मामले पर नायक का कहना है कि संपत्ति उसकी पत्नि के नाम है और वह निर्दोष हैं.
बताया जाता है कि आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद रविवार सुबह जूनियर खाद्य आपूर्ति अधिकारी एके नायक के घर रेड डाली गई. इसमें सुबह 10 बजे तक 15 लाख से ऊपर नकदी प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा उसकी संपत्ति में एक अलिशान मकान है, जिसमें वह रहता था. जबकि कनपुरिया नगर में मल्टी, नर्मदा नगर और अन्नपूर्णा नगर में भूखंड शामिल है.
अश्विन के घर से राउ में गैस गोडाउन, गैस एजेंसी और गैस की दुकान के कागज बरामद हुए हैं. पुलिस ने बताया कि शहर में नायक दो जगह जिम भी हैं. गीता भवन चैराहे स्थित सांई दर्शन अर्पाटमेंट में दो फ्लैट के अलावा तीन गाड़ियां और दो मोटरसाइकिल भी बरामद जब्त किए गए हैं.
दूसरी ओर, अश्विन का कहना है कि वह निर्दोष हैं और सरकारी कर्मचारी होना कोई गुनाह नहीं है. अश्विन ने कहा, 'नौकरी के दौरान 25 साल के वेतन का एक-एक बिल मेरे पास है. मेरे पास कोई भी बेनामी संपत्ति नहीं है.