ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह के बेटे के साथ रैगिंग की जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि आदर्श सिंह ने रैगिंग और सीनियर स्टूडेंट की प्रताड़ना के कारण सुसाइड करने की कोशिश की थी. जांच समिति का गठन शनिवार को जिलाधिकारी पी नरहरि ने किया था.
जिलाधिकारी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि आदर्श सिंह के साथ रैगिंग हुई है. उसे सीनियर छात्रों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है. नरहरि ने कहा, 'आदर्श के पास मोबाइल फोन था, जिससे उसने अपनी फोटो इंटरनेट पर अपलोड कर दी. सीनियर स्टूडेंट इस बात से नाराज थे. सिंधिया स्कूल में मोबाइल के उपयोग पर रोक है. सीनियर स्टूडेंट भी अपनी तस्वीर इंटरनेट पर अपलोड करना चाहते थे, लेकिन स्कूल के निर्देश के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे. इस बात को लेकर भी आदर्श के साथ बदसलूकी की गई.'
स्कूल मैनेजमेंट भी दोषी
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मामले को लेकर स्कूल मैनेजमेंट का रुख ठीक नहीं रहा. नरहरि के मुताबिक घटना से पहले, घटना के समय और बाद में स्कूल मैनेजमेंट को जिस तरह की भूमिका निभानी चाहिए थी, वैसा नहीं हुआ. मैनेजमेंट को भी इस मामले में दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि ग्वालियर किले पर स्थित सिंधिया स्कूल के 9वीं के छात्र आदर्श कुमार को बीते दिनों अपने कमरे में संदिग्ध हालत में बेहोश पाया गया था. आदर्श को ग्वालियर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया. आदर्श अभी अस्पताल में भर्ती है.
आदर्श ने सुसाइड की कोशिश की थी, लेकिन मामले को स्कूल मैनेजमेंट ने छुपाने की कोशिश की. बाद में मामला सामने आने पर पुलिस ने जांच शुरू की. जिलाधिकारी पी. नरहरि ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई थी.