पूरे देश में कोरोना संक्रमण की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. इस मुश्किल हालात में हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है. सभी राज्यों से बेड्स की कमी, ऑक्सीजन की कमी और बीमारी में काम आने वाली दवाइयों की कमी की बात सामने आ रही है. नतीजा यह हो रहा है कि हर जगह से लोगों की मरने की खबरें आ रही हैं. गुरुवार देर रात जबलपुर के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से 5 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई.
सूचना मिलने पर पुलिस ने ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई और बाकी मरीजों को बचाया जा सका. जबलपुर की उखरी तिराहे पर स्थित गैलेक्सी अस्पताल में रात 2:00 से 2:30 के बीच कोविड-19 के वार्ड में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी. इस कारण 5 लोगों की डेथ हो गई.
लोगों ने जब हंगामा किया तो पुलिस को सूचना मिली. पुलिस ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई और अपने हाथों से सिलेंडर को अस्पताल के अंदर पहुंचाया जिसके बाद बाकी लोगों को बचाया जा सका.
MP में भी बेकाबू हालात
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रदेश में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. एक तरफ रोजाना रिकॉर्ड संख्या में केस आ रहे हैं तो दूसरी तरफ सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है. लेकिन इन मौतों को लेकर शिवराज सरकार में मंत्री प्रेम सिंह पटेल का एक अजीबोगरीब बयान सामने आया. पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि लोगों की उम्र हो जाती है, तो मरना भी पड़ता है.
दरअसल, मंत्री प्रेम सिंह से मध्य प्रदेश में कोरोना से हो रही मौतों को लेकर सवाल किया गया था, जिसपर उन्होंने कहा कि मौतें हुई हैं, इन्हें कोई नहीं रोक सकता. डॉक्टर्स की व्यवस्था की गई है. लोगों को डॉक्टरों के पास जाना चाहिए. जहां तक मौतों का संबंध है, लोगों को अपनी उम्र पूरी होने पर मरना पड़ता है.
बता दें कि प्रेम सिंह पटेल का यह बयान ऐसे समय आया है, जब मध्य प्रदेश में कई जगह अस्पतालों से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं. यही नहीं शिवराज सरकार पर कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े छुपाने का आरोप भी विपक्ष लगा रहा है.
गौरतलब है कि बुधवार को जबलपुर के चौहानी श्मशान घाट में 41 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि राज्य के सरकारी स्वास्थ्य बुलेटिन ने दावा किया कि शहर में केवल 5 व्यक्तियों की मौत हुई. सरकार के दावे के उलट जबलपुर श्मशान घाट के वायरल वीडियो में हकीकत कुछ और ही नजर आई.