मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले पर चल रहे हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बीच जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल रामनरेश यादव की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. गवर्नर के संवैधानिक पद की गरिमा के मद्देनजर कोर्ट ने ये फैसला दिया है. हालांकि यादव के खिलाफ जांच जारी रहेगी.
गौरतलब है कि बहुचर्चित संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला (व्यापम घोटाला) में राज्यपाल पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप है
और उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. घोटाले में राज्यपाल के बेटे शैलेश यादव को भी आरोपी बनाया गया था. 25 मार्च को उनकी मौत हो गई.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 का जिक्र करते हुए SIT ने राज्यपाल के खिलाफ केस दर्ज किया है. कानून के मुताबिक राज्यपाल के पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए किसी को अनुमति देने का अधिकार नहीं दिया गया है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं और केंद्रीय मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता उमा भारती का नाम भी इस घोटाले में सामने आ रहा है. इस पूरे घोटाले में अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है.