मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में जैतपुर विधानसभा क्षेत्र में सभी दल सक्रिय हैं. विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी स्तर के नेता मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. कुछ ही महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैगा आदिवासियों के एक सम्मेलन में शरीक करने शहडोल पहुंचे थे, जिसमें उन्होंने स्थानीय लोगों को रिझाने की कोशिश की. उनका यह प्रयास कितना कारगर साबित होता है यह तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बताएगा.
जैतपुर सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के जयसिंह मरावी के पास है. शिवराज सिंह सरकार में मंत्री रह चुके मरावी अपने चुनावों वादों को पूरा करने का दावा कर रहे हैं. वह लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2013 में 2,18,755 वोटों में से 65,866 वोट यानी 40.22 प्रतिशत वोट पाकर मरावी ने जीत हासिल की थी. जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के लल्लन सिंह 54,650 वोट यानी 33.38 प्रतिशत मत पाने में काम रहे थे. वहीं गोंडवाना गणतांत्रिक पार्टी के राम रतन पावले 15116, 9.23 प्रतिशत वोट पाए थे.
इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर ही मैदान में उतरे जयसिंह मरावी ने 44,736 वोट यानी 36.05 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस के यशोदा सिंह 30,390 मतलब 24.49 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. आगामी चुनावों में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ी है, लिहाजा सभी दल उसे रिझाने के लिए अपना दम लगा रहे हैं.
मगर एक सर्वे की रिपोर्ट अगर सच साबित हुई तो यह सीट भाजपा के लिए चुनौती बनेगी. जयसिंह मरावी अपने वादा करने के हजार दावे करें लेकिन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जैतपुर की जनता मौजूदा विधायक के कामकाज से नाखुश है और 76 फीसदी लोग विधानसभा चुनावों में अपने जन प्रतिनिधि को बदलना चाहते हैं. जब लोगों से पूछा गया कि क्या मौजूदा विधायक फिर से चुनावों में उतरेंगे तो आप उन्हें वोट देना चाहेंगे तो 70 फीसदी लोगों का नहीं में जवाब आया.
बहरहाल यह सीट जयसिंह मरावी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दोनों के लिए के प्रतिष्ठा का सवाल है. जयसिंह मरावी जहां चार बार से विधायक हैं, वहीं चौहान भी तीसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं. ऐसे में यह चुनाव इनके कामकाजों के लेखा-जोखा के साथ परीक्षा भी होगी.