मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. इसमें कई लोग घायल हो गए थे. अब इस हिंसा के मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद (JUH) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. इसके साथ ही मौलाना मदनी ने खरगोन में तोड़फोड़ को रोकने की मांग की है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मदनी ने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन अब खरगोन में अल्पसंख्यकों को परेशान कर रहा है. लिहाजा मुसलमानों की संपत्तियों को टारगेट कर नष्ट किया जा रहा है.
मदनी ने लगाई अमित शाह से गुहार
मौलाना महमूद मदनी ने अमित शाह को लिखे पत्र में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दंगाइयों ने मुस्लिम इलाकों में जाने और नारेबाजी करने के लिए एक निर्धारित पैटर्न सेट कर लिया है. मदनी ने गृहमंत्री अमित शाह से मांग की है कि खरगोन में दयनीय स्थिति के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही देश को अराजकता के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की गुहार लगाई.
'एमपी में कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी'
बता दें कि खरगोन में आरोपियों के खिलाफ शिवराज सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनके घरों पर बुलडोजर चलवाया था. इसे लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा था. ओवैसी ने कहा कि एमपी में कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है.
गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे
भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान की विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को सही ठहराती हो, लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वे संवैधानिक पद पर बैठे हैं. जनता की जान-माल की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है.ओवैसी ने आगे कहा कि सत्ता के नशे में गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. उन्हें याद रखना चाहिए कि आज उनकी सरकार है, कल नहीं होगी.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि 10 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया था, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई थी. हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल बंब भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.