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कमलनाथ के कैबिनेट गठन से पूर्व जयस की चेतावनी, अनदेखी करना कांग्रेस की भूल होगी

मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में अच्छी पकड़ रखने वाली जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन का महत्व आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी अहम है. ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस अपने इस सहयोगी को कैसे संतुष्ट करती है.

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मुख्यमंत्री कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ

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लंबे समय के बाद 15 साल का वनवास खत्म करते हुए मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी के बीच नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार की मुश्किलें शुरू हो गई हैं. मंगलवार को होने वाले मंत्रिमंडल के गठन से ठीक पहले कांग्रेस की सहयोगी और आदिवासी इलाकों में प्रभाव रखने वाली जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने कांग्रेस को उचित प्रतिनिधित्व देने की चेतावनी दे डाली है. जयस प्रमुख डॉ हीरा अलावा ने कहा है कि उनकी अनदेखी करना कांग्रेस की बड़ी भूल होगी.

जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रमुख और कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरा अलावा ने इशारों-इशारों में मंत्री न बनाए जाने पर चेतावनी देते हुए ट्वीट में लिखा, ''जयस ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. वादे के मुताबिक जयस की भागीदारी सरकार में होनी चाहिए. जयस को अनदेखा करना कांग्रेस बड़ी भूल होगी."

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दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने की बात कही है, जिसके बाद डॉ. अलावा के इस ट्वीट के राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि डॉ. अलावा धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते हैं. जयस और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के चलते यह विधानसभा क्षेत्र उन्हें दिया गया था. दरअसल, जयस का मालवा-निमाड़ क्षेत्र में प्रभाव है और कांग्रेस ने जयस से समझौता कर एक सीट जयस को दी थी. जयस के साथ हुए समझौते से कांग्रेस को मालवा-निमाड़ में बड़ी सफलता मिली है. जयस अब सरकार में हिस्सेदारी मांग रहा है.

बता दें कि पिछली शिवराज सरकार में मालवा-नीमाड़ क्षेत्र से 6 विधायकों को मंत्री बनाया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ के मंत्रिमंडल में भी मालवा नीमाड़ का दबदबा रहेगा, क्योंकि इसी क्षेत्र से मिली बढ़त ने कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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