कांग्रेस छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है. दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलाकर उनका स्वागत किया. नई पार्टी का दामन थामने के बाद सिंधिया ने अपने पिता को भी याद किया.
बीजेपी दफ्तर के मीडिया हॉल में नए साथियों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सबसे पहले जेपी नड्डा, पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा किया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले का भी जिक्र किया.
सिंधिया ने कहा, 'मेरे जीवन में दो तारीख काफी महत्वपूर्ण रही हैं. इनमें पहली 30 सितंबर 2001 है, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो जिंदगी बदलने वाला दिन था. दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 है, जब अपने पिता की जयंती पर मैंने जीवन बदलने वाला एक बड़ा निर्णय लिया.'
लंबे समय से चल रही थी खींचतान
सिंधिया का ये निर्णय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाला है. दरअसल, सिंधिया और एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी. सिंधिया खेमे की तरफ से पर्याप्त सम्मान नहीं मिलने के आरोप लगाए जा रहे थे. आलम ये हो गया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सार्जवनिक मंचों से कमलनाथ सरकार को आइना दिखाने लगे थे.
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अब जबकि राज्यसभा चुनाव का नंबर आया और इसमें भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्राथमिकता नहीं दी गई तो सिंधिया ने बड़ा फैसला लेने का मन बना लिया. 10 मार्च 2020 को होली के मौके पर सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इस तारीख को ज्योतिरादित्य जीवन बदलने वाला बता रहे हैं.
30 सितंबर 2001 को हुई थी पिता की मौत
ज्योतिरादित्य के मुताबिक उनके जीवन की पहली महत्वपूर्ण तारीख 30 सितंबर 2001 है. इसी दिन उनके पिता और पूर्व कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया का देहांत हो गया था. माधवराव सिंधिया की मौत प्लेन क्रैश में हुई थी. वो यूपी के दौरे पर थे, जहां मैनपुरी में उनका चार्टर विमान क्रैश हो गया था. माधवराव के साथ उस वक्त कुछ पत्रकार भी थे, जो उस हादसे का शिकार हो गए थे.
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