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MP: कमलनाथ सरकार का बड़ा ऐलान, 4 महीने में खुलेंगी एक हजार गौशाला

इससे आवारा पशुओं की वजह से होने वाले सड़क हादसों और खेतों में फसल को नुकसान पहुंचाने के मामलों में कमी आएगी. सीएम कमलनाथ ने कहा कि शुरुआत में हजार गौशालाओं को खोला जा रहा है जिनकी संख्या भविष्य में बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (PTI फोटो)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (PTI फोटो)

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मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार जल्द ही 'प्रोजेक्ट गौशाला' शुरू करने जा रही है. इस परियोजना के तहत राज्य सरकार ने अगले चार महीने के भीतर एक हजार गौशालाएं खोलने का फैसला लिया है. सरकार के मुताबिक इन गौशालाओं में करीब एक लाख निराश्रित गायों को रखा जा सकेगा और ग्रामीण विकास विभाग प्रोजेक्ट गोशाला का नोडल विभाग होगा.

इस प्रोजेक्ट की खासियत होगी कि इसमे निजी संस्थायें भी योगदान दे सकेंगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ के मुताबिक प्रोजेक्ट गौशाला से शहरों और गांवों में आवारा पशुओं को आश्रय मिलेगा. साथ ही इससे आवारा पशुओं की वजह से होने वाले सड़क हादसों और खेतों में फसल को नुकसान पहुंचाने के मामलों में कमी आएगी. सीएम ने कहा कि शुरुआत में हजार गौशालाओं को खोला जा रहा है जिनकी संख्या भविष्य में बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा.

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आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 614 ऐसी गौशालाएं हैं जो निजी हाथों में हैं, जिन्हें सरकार से अनुदान मिलता है. लेकिन पूरे मध्य प्रदेश में एक भी सरकारी गौशाला नहीं है जिसपर सरकार का सीधा नियंत्रण हो. यही वजह है कि चुनाव के वक्त दिए गए वचनपत्र में से कांग्रेस का एक वचन सरकारी गौशालाओं का निर्माण करना भी था.

कैसी होगी सरकारी गौशाला

मध्य प्रदेश की इन हजार गौशालाओं के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में ज़िला स्तरीय एक समिति पहले जगह चिन्हित करेगी. इसके बाद वहां शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट के इंतजाम किए जाएंगे. यहां आने वाले गायों के लिए चारे और पशु आहार का पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी.

गौ अभ्यारण्य में नहीं रुकीं मौतें

सरकार भले ही गायों की दुर्दशा सुधारने की बात कर रही है, लेकिन कमलनाथ सरकार की इसी घोषणा वाले दिन मध्य प्रदेश के सुसनेर में मौजूद गौ अभ्यारण्य में एक ही रात में 35 से ज्यादा गायों की मौत हो गई. दरअसल, दर-दर भटकने वाली गायों को आश्रय देने के साथ ही गोबर और गाय के मूत्र से प्राप्त कीटनाशकों और दवाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए इस अभ्यारण्य के हालात चिंताजनक हैं.

आगर मालवा में बनाए गए देश के पहले गौ अभ्यारण में उद्घाटन के करीब एक साल बीत जाने के बाद भी गायों की स्थिति में सुधार नहीं आया और लगातार हो रही गायों की मौत ने यहां के इंतजामों की पोल खोल दी है. गायों की मौत के बाद प्रशासन की नींद खुली और कलेक्टर अजय गुप्ता ने जांच के लिए संयुक्त कलेक्टर अवधेष शर्मा की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया है.

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