पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय बजट (Union Budget 2021) पर निराशा जताई है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा, 'कोरोना महामारी के भीषण संकट काल के समय आज आये देश के इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदे थीं, लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है.'
किसानों को दोगुनी आय का मिला झूठा वादा
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, 'कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है, देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग जो अपने हक को लेकर सड़कों पर पिछले 2 माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है, उसके लिए इस बजट में कुछ नहीं है, सिर्फ झूठे वादे, वर्षों पुराना आय दोगुनी का एक बार फिर वादा किया गया है. एक तरफ नये कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था को खत्म करने का काम और आज बजट में मंडी व्यवस्था को मज़बूत करने का झूठा वादा, झूठे वादों से गुमराह करने का काम? कोरोना महामारी के बाद बड़ी संख्या में युवा वर्ग को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है, युवा वर्ग के रोजगार को लेकर इस बजट में कुछ नहीं है.'
पुरानी योजनाओं को दोहराया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुरानी घोषणाओं को नए बजट में दोहराने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है, 'कई वर्षों पुरानी घोषणाओं को इस बजट में एक बार फिर दोहराने का काम किया गया है. जो लोग कहते थे कि देश नहीं बिकने दूंगा, उनका आज नारा है सब चीज बेच दूंगा, यह इस बजट से भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है. गरीब-मध्यमवर्गीय लोगों के लिये इस बजट में कुछ नहीं है, आयकर में छूट की उम्मीद थी, लेकिन छूट नहीं बढ़ायी गई. यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला बजट है. पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इस बजट में करो में भारी राहत की जनता को उम्मीद थी, लेकिन जनता एक बार फिर ठगी गई है.
अपने आखरी ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर हमला करते हुए लिखा, 'मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया के पुराने नारों की तरह अब आत्मनिर्भर के नए नारे के साथ आंकड़ों की हेराफेरी कर देश की जनता को गुमराह करने का काम इस बजट में किया गया है. जो लोग एफडीआई का विरोध करते थे, वो आज एफडीआई को हर क्षेत्र में लागू कर रहे हैं. यह बजट पूरी तरह से आमजन विरोधी व निराशाजनक बजट है.'