मध्य प्रदेश के सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने 30 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. इस बीच एमपी में सियासी सरगर्मी के बीच कांग्रेस सरकार चली गई और भाजपा ने सरकार बन गई. सरकार गिरने और बनने के इस खेल में इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों के मन में तो बेचैनी है ही, साथ ही शिक्षिकों की कमी से स्कूल भी जूझते नजर आ रहे हैं.
आजतक की टीम ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 23 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के लिए पत्र लिखकर इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरी कराने की मांग की है. बता दें कि इन पदों पर भर्ती की सारी प्रक्रिया कांग्रेस सरकार ने पूरी कर ली थी और इसके अंतिम चरण में मात्र दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इस प्रक्रिया को पूरी न करने के कारण प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कांग्रेस सरकार ने भर्ती प्रकिया की थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण ये प्रक्रिया रुक गई है. भाजपा सरकार आने के बाद से चयनित अभ्यार्थी शिक्षक पद पर नियुक्ति की राह देख रहे हैं. प्रदेश सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ करने का आदेश शासन स्तर पर प्रसारित किया जाए.
बता दें कि कोरोना के कारण बंद शिक्षण संस्थाओं में अब पठन-पाठन शुरू होने जा रहा है. ऐसे में शिक्षकों की सर्वाधिक आवश्यकता होगी. प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत न्यूनतम छात्र शिक्षक अनुपात को पूरा करने के लिये चयनित अभ्यर्थियों की शिक्षक पद पर नियुक्ति किया जाना जरूरी है.