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सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर कमलनाथ सरकार! कहा- गाय और मंदिरों पर BJP का पेटेंट नहीं

Kamalnath goverment on soft Hindutva agenda मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर जो भी वादे किए थे, चुनाव जीतने के बाद उन्हें पूरा करने की दिशा में काम कर रही है. बीजेपी ने इसे महज चुनावी स्टंट बताया है वहीं कांग्रेस लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वोटरों को लुभाने का कोई मौका छोड़ती नजर नहीं आ रही है.

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सीएम कमलनाथ 1 जनवरी को महाकाल के दर्शन के दौरान(फोटो-@OfficeOfKNath)
सीएम कमलनाथ 1 जनवरी को महाकाल के दर्शन के दौरान(फोटो-@OfficeOfKNath)

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क्या लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिये बीजेपी के एजेंडे को हाइजैक करने में लगी है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एक महीने पुरानी कमलनाथ सरकार ने गाय, मंदिर  कुंभ और गौशालाओं से जुड़े कई फैसले लिए हैं जिस पर बीजेपी अब तक कई चुनाव लड़ते और जीतते आई है. इस पर जहां बीजेपी ने इसे महज चुनावी स्टंट करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि गाय, गौशाला और मंदिरों पर सिर्फ बीजेपी का पेटेंट नहीं है.

कांग्रेस के इस मास्टर स्ट्रोक पर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. शर्मा के मुताबिक, कांग्रेस सिर्फ घोषणाएं करके लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. जबकि, असलियत में पार्टी को जमीन पर कोई काम नहीं करना है.

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वहीं, बीजेपी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. सूबे के खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी धर्म की राजनीति नहीं करती. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गाय, गौशाला और मंदिरों पर सिर्फ बीजेपी का पेटेंट नहीं है.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का जो ट्रेलर दिखाया था, चुनाव जीतने के बाद उसकी पूरी फिल्म दिखाई जा रही है. पिछले एक महीने में जिस तरह से बीजेपी से जुड़े मुद्दों को कांग्रेस ने छुआ है. उससे मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से करीब 12 पर 2019 के लोकसभा चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार बना दिए हैं.

लेकिन कैसे बीजेपी का हिंदुत्व एजेंडा अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सबसे अहम हथियार बन गया है? उसके लिए सबसे पहले हम आपको कमलनाथ सरकार के 4 ऐसे फैसलों के बारे में बताते हैं जो हिन्दू वोटबैंक में सेंध लगाते दिख रहे हैं.

1. कमलनाथ सरकार में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के आदेश के बाद सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने की शुरुआत हुई.

2. इसके बाद कमलनाथ सरकार ने प्रोजेक्ट गौशाला के जरिए राज्य में पहली बार 1 हजार सरकारी गौशालाओं को खोलने का फैसला किया.

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3. कमलनाथ सरकार की योजना के तहत 12 फरवरी से मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत प्रदेश के 3600 बुजुर्गों को कुंभ दर्शन के लिए ले जाया जाएगा.

4. सबसे ताजा फैसला है संतों और पुजारियों के मानदेय में तीन गुना बढ़ोतरी किए जाने का.

ताजा फैसले के तहत सरकार के अधीन आने वाले ऐसे मंदिर जिनके पास कोई जमीन नहीं है. उनके पुजारियों को 1000 रुपए की जगह अब 3000 रुपये का मानदेय मिलेगा. इसे इसी तरह 5 एकड़ तक भूमि वाले मंदिर के पुजारियों का मानदेय 700 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए और 10 एकड़ भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों का मानदेय 520 रुपए से बढ़ाकर 1560 रुपए महीना किया गया है. माना जा रहा है कि इससे मध्यप्रदेश के करीब 35000 पुजारियों को फायदा मिलेगा.

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से बीजेपी का 26 सीटों पर कब्जा है और कांग्रेस के पास सिर्फ 3 लोकसभा सीटें हैं. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने यहां सॉफ्ट हिंदुत्व को छुआ है उससे साफ है कांग्रेस इस आंकड़े में उल्लेखनीय बढ़ोतरी चाहती है.

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