लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है, साथ ही मांगों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश की जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के संस्थापक और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए मध्य प्रदेश की चार सीटों बैतूल, धार, खरगोन और रतलाम-झाबुआ से लोकसभा का टिकट मांगा है.
जयस की मांग है कि इन लोकसभा सीटों से आदिवासी युवाओं को टिकट दिया जाए और अगर कांग्रेस टिकट नहीं देगी तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस बारे में बात की जाएगी. हीरालाल अलावा ने कहा कि दोनों पार्टियों से बात नहीं बनी तो जयस आगामी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करेगी.
'आजतक' से बातचीत करते हुए हीरालाल अलावा ने कहा कि आदिवासी इलाकों में खासतौर से रतलाम-झाबुआ, धार, खरगोन और बैतूल में जयस के माध्यम से युवाओं में जन जागरूकता आई है और राजनीतिक चेतना आदिवासी समुदायों में आई है. इसको बीजेपी हो या कांग्रेस अनदेखा नहीं कर सकती.
उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा चुनाव में भी मजबूती से अपना पक्ष रखा. कांग्रेस का सहारा भले ही लेना पड़ा, लेकिन विधानसभा में जयस की आवाज गूंजी और आदिवासियों की आवाज विधानसभा में पहुंची. हीरालाल ने आगे कहा कि लोकसभा में हम यही उम्मीद कर रहे हैं कि किसी भी कीमत पर जयस की एंट्री लोकसभा में होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को यह तय करना है कि वो जयस को लोकसभा में टिकट देती है या नहीं. हमने सभी राजनीतिक दलों के लिए ऑप्शन खुले रखे हैं. संगठन तय करेगा तो हम बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं क्योंकि हमारे संगठन ने तय कर रखा है कि लोकसभा में तो टिकट हमें चाहिए ही चाहिए.
रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांतिलाल भूरिया को टिकट दिए जाने पर हीरालाल अलावा ने ऐतराज जताते हुए कहा कि भूरिया आदिवासी नेता है या नहीं, यह तो लोकसभा चुनाव में जनता तय करेगी. कौन बड़ा है और कौन छोटा, वह इस लोकसभा चुनाव में तय हो जाएगा लेकिन हम चाहते हैं कि आदिवासी युवा संसद पहुंचे और करोड़ों आदिवासियों का पक्ष संसद में रखें.
निर्दलीय प्रत्याशी उतारेगा जयस
हिरालाल अलावा ने साफ किया कि अगर बीजेपी जयस संगठन की बात मानती है और जयस को टिकट देती है तो ही संगठन बीजेपी के साथ जाएगा नहीं तो जयस धार, खरगोन, रतलाम-झाबुआ और बैतूल से अपने निर्दलीय उम्मीदवार उतारेगा.
मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से छह लोकसभा सीटें शहडोल, मंडला, बैतूल, खरगोन, धार और रतलाम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी छह सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी लेकिन बाद में रतलाम उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी प्रत्याशी को हरा दिया था.