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मध्य प्रदेश में एम्बुलेंस के अभाव में तीसरी मौत, कांग्रेस ने उठाए शिवराज सरकार पर सवाल

मध्य प्रदेश में एम्बुलेंस के अभाव में एक के बाद एक हो रही मौत की घटनाओं से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं और कांग्रेस पार्टी ने भी शिवराज सरकार पर हमने करने शुरू कर दिए हैं. इंदौर, देवास के बाद अब खंडवा में भी एम्बुलेंस नहीं मिली, जिसकी वजह से मरीज को स्कूटी पर लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वो दम तोड़ चुके थे.

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एमपी के खंडवा में एम्बुलेंस के अभाव में मरीज को स्कूटी पर लेकर पहुंचे अस्पताल
एमपी के खंडवा में एम्बुलेंस के अभाव में मरीज को स्कूटी पर लेकर पहुंचे अस्पताल

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  • मध्य प्रदेश में एम्बुलेंस के अभाव में हुई तीसरी मौत
  • मंगलवार को दो मामले आए, जब एम्बुलेंस नहीं मिली

मध्य प्रदेश के इंदौर में एम्बुलेंस न मिलने के कारण एक मौत की घटना के बाद मंगलवार दोपहर को ही खंडवा में भी एक बुजुर्ग ने एम्बुलेंस के अभाव में दम तोड़ दिया. एम्बुलेंस के अभाव में एक के बाद हो रहीं मौत की घटनाओं से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं और कांग्रेस पार्टी ने भी शिवराज सरकार पर हमले करने शुरू कर दिए हैं.

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर, देवास के बाद अब खंडवा में भी मरीज के लिए एम्बुलेंस नहीं पहुंची, परिजन स्कूटी से ही मरीज़ को लेकर निकले लेकिन रास्ते में मौत हो गई. इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान के कामकाज पर भी सवाल उठाया है.

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खंडवा में खड़कपुरा अग्रवाल धर्मशाला की गली में रहने वाले बुजुर्ग शेख हमीद की मंगलवार दोपहर को तबीयत खराब हुई थी. उन्हें सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत हुई, जिसके बाद उनके पुत्र ने लगातार एम्बुलेंस 108 पर फोन लगाते रहे, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद पुत्र व अन्य परिजन बीमार बुजुर्ग को स्कूटी पर लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तबतक उनकी मौत हो गई थी.

बता दें कि इससे पहले इंदौर में भी कथित रूप से वक्त पर इलाज नहीं मिलने के कारण 60 साल के एक शख्स की मौत हो गई थी. एम्बुलेंस नहीं मिली तो परिवार के लोग उन्हें स्कूटर पर लादकर लाए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. मरीज ने एमवाय अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया.

इंदौर के कमला नेहरू नगर में रहने वाले पांडू राव की कुछ समय से तबीयत खराब चल रही थी. परिवार के लोग सोमवार शाम को उसे अरविंदो अस्पताल ले गए. मंगलवार सुबह फिर तबीयत बिगड़ी तो परिवार उन्हें लेकर एम.टी. हॉस्पिटल भागा. लेकिन पांडूराव की हालत गंभीर थी इसलिए डॉक्टरों ने एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया. पांडू राव की हालत गिरती जा रही थी. परिवार के लोगों के पास उन्हें दूसरे अस्पताल तक ले जाने का कोई साधन नहीं था.

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उन्होंने एम्बुलेंस बुलाने की काफी कोशिश की. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हुई. परिवार को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वे लोग पांडू को दो पहिया वाहन पर लादकर एमवाय अस्पताल के लिए रवाना हो गए. लेकिन जब तक वे डॉक्टरों के सामने पहुंचते तब तक काफी देर हो चुकी थी. पांडू राव ने एमवाय अस्पताल के दरवाजे पर ही दम तोड़ दिया.

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इंदौर और खंडवा के अलावा देवास में भी एक मासूम बच्ची ने इसीलिए दम तोड़ दिया था कि समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल पाई. देवास के पथरिया जाट निवासी दो साल के मासूम के गले में फल का टुकड़ा फंस गया था, जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो रही थी और वह बेहोश हो गई. इसके बाद आनन-फानन में परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन जब 10 मिनट बाद तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो परिजन बच्चे को बाइक से लेकर अस्पताल की ओर निकल गए.

हालांकि, विश्वविद्यालय की घाटी के पास उन्हें एम्बुलेंस दिखी, परिजनों ने हाथ देकर ड्राइवर को रोकना चाहा, लेकिन स्टाफ ने इशारे देकर रूकने के लिए मना कर दिया. ऐसे में बच्चे को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी और जब तक परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, बच्चे की सांसे थम चुकीं थीं.

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