वैक्सीनेशन को लेकर अफवाहों और भ्रांतियों को जागरूकता अभियान से दूर करने की कोशिश की जा रही है. वहीं भोपाल के पास कई ग्राम पंचायतें ऐसी है जिन्होने वैक्सीन ना लगवाने वालों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. आजतक ने ऐसी ग्राम पंचायतों में पहुंच कर जमीनी स्थिति का जायजा लिया.
यहां वैक्सीनेशन को लेकर सामने आ रही भ्रामक खबरों को दूर करने का बीड़ा अब खुद गांव वालों ने उठा लिया है. भोपाल से सटी 4 ग्राम पंचायतों ने तय किया है कि उनके गांव में यदि कोई शख्स कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएगा तो उसका सार्वजनिक बहिष्कार किया जाएगा. इसके बाद ना तो उसे गांव के किसी कार्यक्रम में बुलाया जाएगा और ना ही गांव का कोई शख्स उससे संबंध रखेगा या उसके घर जाएगा.
भोपाल से सटे रातीबड़, सरवर, सिकंदराबाद और मुंडला ग्राम पंचायतों ने बाकायदा इसके पोस्टर गांव-गांव लगा दिए हैं. रातीबड़ गांव के सरपंच अनिल शर्मा ने बताया कि “गांव में कुछ लोगों को ऐसी अफवाहों का डर सता रहा था कि वैक्सीन लगवाएंगे तो नपुंसक हो जाएंगे या मर भी सकते हैं, इसलिए कई बार समझाने के बाद भी उन्होने वैक्सीन नहीं लगवाई, बचने के बार-बार बहाने बनाते रहे. इसके बाद हम सब ने मिलकर तय किया कि गांव में वैक्सीन लगवाने के लिए कड़े कदम भी उठाना पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे. इसलिए पोस्टर लगाकर फिलहाल गांव के उन लोगों को संदेश दे दिया है कि जल्द या तो वैक्सीन लगवाएं या फिर बहिष्कार का सामना करें.”
आजतक की टीम इसके बाद रातीबड़ से करीब 2 किलोमीटर आगे सरवर गांव पहुंची तो पाया कि यहां सरपंच लाल सिंह मीणा ने घर पर गांव के ही लोगों को इकठ्ठा कर रखा था. साथ ही एक-एक शख्स को वैक्सीन लगवाने के लिए समझाया जा रहा था. इस दौरान सरपंच लाल सिंह मीणा ने ये भी चेतावनी दी कि अगर वैक्सीन नहीं लगवाई तो ना केवल गांव उस शख्स का बहिष्कार करेगा बल्कि आने वाले समय में पंचायत से जो सुविधा मिलती है उसे भी रोका जा सकता है. सरपंच मीणा ने कहा कि गांव वालें बहिष्कार से बचते हैं इसलिए उन्हे लगता है कि ये मुहिम रंग ला सकती है.
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जिन पंचायतों में इस अभियान को शुरु किया गया है उनमें करीब गांव आते हैं. रातीबड़ पंचायत में रातीबड़,छापरी,फतेहपुर,डोबरा और महुआ खेड़ा गांव आते हैं.सरवर पंचायत में सरवर, मिट्ठू खेड़ी, झागरिया खुर्द, समसगढ़ गांव शामिल हैं.वहीं सिकंदराबाद पंचायत में सिकंदराबाद,रसूलिया गोसाई और मुंडला पंचायत में मुंडला,देरिया,कल्याणपुर गांव आते हैं.
बता दें कि रातीबड़ संकुल के अंतर्गत 28 हज़ार की आबादी में से करीब 4 हज़ार लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इस काम को रफ्तार देने के लिए अब गांव ने ही कमर कस ली है. पूरी कोशिश है कि अफवाहों और भ्रांतियों को दूर कर लोगों को समझाया जाए कि वैक्सीनेशन उनके लिए कितना जरूरी है.