मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आने और 15 महीने में ही सरकार चले जाने के बाद अब कांग्रेस उपचुनाव के जरिए एक बार फिर वापसी की कवायद में जुट गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने उपचुनाव वाली 24 सीटों को फतह करने के लिए पूर्व दिग्गज मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव में कांग्रेस की जीत तय करने के लिए अपने मंत्रिमंडल में शामिल रहे सदस्यों को अब विधानसभा वार जीत की जिम्मेदारी दी है. पूर्व मंत्रियों को प्रभार वाले विधानसभा में पार्टी की नीति रीति तय करने से लेकर उम्मीदवार चयन करने और स्थानीय मुद्दों को तैयार करने के लिए तैनात किया गया है. पूर्व मंत्री अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्र में संपर्क बनाने की कोशिश में जुट गए हैं.
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उपचुनाव के लिए कांग्रेस लगातार रणनीति बनाने का काम कर रही है. इससे पहले पार्टी ने विधान सभावार प्रवक्ताओं की नियुक्ति की थी. इसके बाद पूर्व मंत्रियों को विधान सभावार जिम्मेदारी देकर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में अभी से माहौल बनाने और बीजेपी के संभावित उम्मीदवारों के खिलाफ प्लान बनाने पर काम शुरू कर दिया है.
पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को सुरखी विधानसभा सीट, पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह को सुवासरा विधानसभा सीट, पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे को सांची, पूर्व मंत्री सचिन यादव को मुंगावली सीट, जयवर्धन सिंह को आगर सीट, सज्जन सिंह वर्मा को सांवेर सीट, कमलेश्वर पटेल को कोतमा सीट, डॉक्टर गोविंद सिंह को मेहगांव व गोहद विधानसभा सीट जिताने की जिम्मेदारी होगी.
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लाखन यादव को ग्वालियर विधानसभा सीट पर जीत दिलाने की कमान सौंपी गई है. पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह, लाखन सिंह यादव, रामनिवास रावत को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया समेत अशोकनगर गुना की विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गोविंद सिंह चंबल के दिग्गज कांग्रेसी नेता माने जाते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी 20 से 22 सीटों पर जीत हासिल करेगी और जिस तरीके से कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर किया गया है उसका जवाब जनता उपचुनाव में बीजेपी को देने का काम करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा बीजेपी नेताओं ने विधायकों की खरीद फरोख्त की है, मैं सौदेबाजी नहीं करता और प्रदेश की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं अभी तो इंटरवल हुआ है हम सत्ता में फिर लौटेंगे.
बता दें कि सिंधिया के समर्थक जिन 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था, उनमें 6 मंत्री भी शामिल थे. गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभु राम चौधरी ऐसे नाम हैं. शिवराज सिंह चौहान की पहली कैबिनेट में गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है जबकि बाकी पूर्व मंत्रियों को भी आगे कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है. ऐसे में कांग्रेस अभी से ही अपने किले को मजबूत करने में जुट गई है.