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एमपी उपचुनाव: इमरती देवी ही नहीं इन महिला प्रत्याशियों की किस्मत भी दांव पर

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में  22 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. एमपी उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. इन दोनों पार्टियों से 6 महिला उम्मीदवार हैं, जिनमें तीन बीजेपी से और तीन कांग्रेस से किस्मत आजमा रही हैं, लेकिन चर्चा में सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी हैं. 

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डबरा सीट से इमरती देवी मैदान में
डबरा सीट से इमरती देवी मैदान में
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एमपी उपचुनाव में 22 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं
  • कांग्रेस ने तीन महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा
  • बीजेपी ने कांग्रेस से आई तीन महिला को टिकट दिया

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से महज  22 महिला प्रत्याशी हैं. एमपी उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. इन दोनों पार्टियों से 6 महिला उम्मीदवार हैं, जिनमें तीन बीजेपी से और तीन ही कांग्रेस से किस्मत आजमा रही हैं, लेकिन चर्चा में सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी हैं. 

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देखें: आजतक LIVE TV 

मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में 3 बीजेपी की और तीन कांग्रेस की ओर से महिला प्रत्याशी हैं. बीजेपी के टिकट पर डबरा से इमरती देवी, नेपानगर से सुमित्रा देवी और भांडेर से रक्षा सिरोनिया किस्मत आजमा रही हैं. वहीं, कांग्रेस के टिकट पर सुरखी से पारुल साहू, मलहरा से रामसिया भारती और अशोक नगर से आशा दोहरे मैदान में हैं. इसके अलावा बाकी महिला प्रत्याशी अन्य दलों से और निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी हैं. 

डबरा सीट: इमरती देवी 
डबरा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर इमरती देवी मैदान में हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस ने सुरेश राजे और बसपा ने संतोष गौड़ को प्रत्याशी बनाया है. दिलचस्प बात यह है कि सुरेश राजे ने 2018 में इमरती देवी के कहने पर ही बीजेपी से कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी और अब दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में है. कमलनाथ के द्वारा दिए गए बयान को इमरती देवी ने चुनावी मुद्दा बना दिया है. 

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नेपानगर: सुमित्रा देवी
बुरहानपुर जिले की की नेपानगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सुमित्रा कास्डेकर मैदान में उतरी हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस से रामसिंह पटेल मैदान में हैं. 2018 में सुमित्रा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन अब बीजेपी का दामन थामकर मैदान में हैं. ऐसे में उनके ससुर कांग्रेसी होने के नाते कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं. 

भांडेर: रक्षा संतराम सिरौनिया
भांडेर विधानसभा सीट पर बीजेपी से रक्षा संतराम सिरौनिया मैदान में उतरी हैं जबकि कांग्रेस से फूल सिंह बरैया किस्मत आजमा रहे हैं. 2018 में सिरौनिया ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन वो बीजेपी का दामन थामकर मैदान में हैं. ऐसे में कांग्रेस ने बसपा के दिग्गज नेता रहे हैं और दलित चेहरा माने जाने वाले फूल सिंह बरैया पर दांव लगाया है.  

सुरखी: पारुल साहू
सुरखी विधानसभा सीट से कांग्रेस की पारुल साहू चुनावी मैदान में उतरी हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी के गोविंद सिंह राजपूत से है. 2018 में राजपूत कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज किए थे, लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और शिवराज सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. 

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मलहरा: रामसिया त्रिपाठी
मलहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस से रामसिया त्रिपाठी चुनावी मैदान में उतरी हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी के प्रद्युम्न सिंह लोधी से हैं. 2018 में इस सीट से प्रद्युम्न सिंह ने जीत दर्ज की थी, लेकिन सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. ऐसे में कांग्रेस ने उनके खिलाफ ब्राह्मण कार्ड चला है, जिससे प्रद्युम्न सिंह के लिए बड़ी चुनौती है. 

अशोक नगर: आशा दोहरे 
अशोकनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आशा दोहरे को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला बीजेपी के जजपाल सिंह जज्जी से है. 2018 में यहां से जज्जी कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. लेकिन बीजेपी का दामन थामकर मैदान में हैं. शिवराज सरकार में मंत्री जजपाल जज्जी के लिए आशा दोहरे एक बड़ी चुनौती बन गई हैं.

एमपी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 

बता दें कि मध्य प्रदेश के 2018 विधानसभा चुनाव में 250 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें से बीजेपी  ने 23 और कांग्रेस ने 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इसमें से मात्र 20 महिला उम्मीदवार ही जीत हासिल कर सकी थीं. बीजेपी से 11 महिला प्रत्याशी, कांग्रेस से 09 और बसपा से 01 महिला प्रत्याशी जीत कर विधान सभा पहुंचीं थीं. इनमें से तीन महिला विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वो एक बार फिर बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में देखना है कि इस बार कितनी महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंचती हैं. 

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