मध्य प्रदेश की बसौदा विधानसभा सीट विदिशा जिले के अंतर्गत आती है. बसौदा शहर नीलकंठेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है. मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में हुआ था. इसके अलावा कपड़ों की रंगाई और छपाई के लिए भी यह शहर मशहूर है. इस सीट पर एक जाति विशेष का दबदबा रहता है. वहीं इस सीट पर किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है.
यहां की जनता ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही बराबर का मौका दिया. बासौदा सीट पर 15 साल तक रघुवंशी समाज से विधायक चुना गया. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
कांग्रेस के निशंक जैन यहां के विधायक हैं. 2013 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के हरि सिंह रघुवंशी को 16 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 2008 के चुनाव की बात करें तो इस बार बीजेपी को जीत मिली थी. 2013 में हारने वाले बीजेपी के हरि सिंह रघुवंशी ने कांग्रेस के कंचछेदीलाल जैन को 17 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
1980 में पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की
1962 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ. कांग्रेस के राम सिंह यहां के विधायक चुने गए थे. 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के एच पिप्पल चुनाव जीते. 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के जमना प्रसाद बेहरीलाल चुनाव जीते.1980 में पहली बार बीजेपी इस सीट पर जीती और फूलचंद वर्मा विधायक बने.
1985 में कांग्रेस के वीर सिंह रघुवंशी चुनाव में जीत हासिल किए. तो 1990 में बीजेपी के अजय सिंह रघुवंशी ने जीत हासिल की. 1993 में कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर बाजी मारी. कांग्रेस के राम नारायण मुन्नीलाल यहां के विधायक बने.
1998 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदला और वीर सिंह रघुवंशी चुनाव जीते. 2003 और 2008 में यहां से लगातार दो बार बीजेपी को जीत मिली.
रोजगार और विकास इस क्षेत्र में बड़ा मुद्दा
यहां पर रोजगार, विकास बड़ा मुद्दा है. यहां के युवा रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जाने के लिए मजबूर हैं. इसके अलावा विकास के मामले में भी ये क्षेत्र पिछड़ा हुआ है. अब जब चुनाव होने में कम समय बचा है तो दोनों ही पार्टियों के नेता टिकट की जुगाड़ में लग हैं. बीजेपी जहां पूर्व विधायक हरि सिंह रघुवंशी को फिर उतार सकती है तो वहीं कांग्रेस वर्तमान विधायक निशंक जैन को टिकट दे सकती है.
2013 के चुनावी नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.