मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election Result) के लिए वोटों की गिनती खत्म हो गई है. राज्य में विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखने को मिली. यहां राज्य की 230 सीटों पर 28 नवंबर को मतदान हुआ था. राज्य में 75.05 % वोटिंग हुई थी.
कांग्रेस-बीजेपी में रही कांटे की टक्कर
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कांग्रेस 114 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. जबकि बीजेपी को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इस बीच कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि वे बुधवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. वहीं राज्यपाल भवन का कहना है कि जब तक चुनाव आयोग पूरे नतीजे घोषित नहीं कर देता तब तक इस मुद्दे पर विचार नहीं किया जाएगा.
बहरहाल, मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को कोई पार्टी हासिल नहीं कर सकी है, चूंकि कांग्रेस बहुमत के लिए जरूरी 116 सीटों के बिल्कुल करीब है तो सरकार बनाने के लिए अब निर्दलीयों, बसपा और सपा की भूमिका अहम हो गई. चुनाव आयोग के अनुसार एमपी में कांग्रेस 114 सीटों पर जीत चुकी है, जबकि बीजेपी 109 सीटों पर अटकी हुई है.
प्रदेश की इन दोनों प्रमुख पार्टियों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) को एक सीट बिजावर मिल गई है. वहीं, 4 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 2 सीटों पथरिया और भिंड में जीत हासिल कर चुकी है. मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में अब निर्दलीयों, बसपा और सपा की भूमिका अहम हो गई है.
इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब आठ फीसदी बढ़ा. उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी, जबकि इससे पहले के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती थी, जिसके कारण उसे सत्ता से 15 साल तक बाहर रहना पड़ा था.
बहरहाल मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में अब निर्दलीयों, बसपा एवं सपा के पास की भूमिका अहम होने की उम्मीद है. ये ही अब तय करेंगे कि मध्य प्रदेश में किस पार्टी की सरकार बनेगी.
इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब आठ फीसदी बढ़ा. उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी, जबकि इससे पहले के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती थी, जिसके कारण उसे सत्ता से 15 साल तक बाहर रहना पड़ा था. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात का समय मांगा है.
बता दें कि कांग्रेस द्वारा अपने वचन पत्र (घोषणा पत्र) में मध्य प्रदेश के सभी किसानों को दो लाख रुपये तक कर्ज माफ करने एवं उनकी विभिन्न उपजों पर बोनस देने का वादा कांग्रेस के लिए इस विधानसभा चुनाव में फायदेमंद रहा. कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक मुख्य वजह रही. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों वादों को प्रमुखता से अपनी सभी चुनावी सभाओं में उठा कर लोगों को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित किया था.
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