मध्य प्रदेश की सिरोंज विधानसभा सीट विदिशा जिले में आती है. यहां एससी-एसटी वर्ग के वोटरों की तादाद करीब 43 फीसदी है. वहीं 38 फीसदी ओबीसी औऱ 17 फीसदी मुस्लिम वोटर्स है. इस सीट पर 1990 से 2013 तक बीजेपी का कब्जा रहा. 1980 में पहली बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. 1993 से सिरोंज विधानसभा क्षेत्र से लक्ष्मीकांत शर्मा लगातार चुनाव जीत रहे थे. इससे पहले 1990 में बीजेपी के ही भवानीसिंह ने जीत हासिल की थी.
1957 से 1977 तक हिंदू महासभा, भारतीय जनसंघ, कांग्रेस और जनता पार्टी के बीच ही मुकाबला हुआ है. 1957 और 1962 का चुनाव हिंदू महासभा के मदनलाल जीते. 1966 में भारतीय जनसंघ के एम सिंह जीते. 1972 में कांग्रेस के आई खान तर्जी मशरीकुल विधायक बने.
1977 में जनता पार्टी के शरीफ मास्टर विधायक चुने गए. 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गोवर्धन उपाध्याय ने बीजेपी के घनश्यामदास गर्ग को हराया था. 1985 के बाद 2013 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की.
2013 के चुनाव में गोवर्धन ने बीजेपी के लक्ष्मीकांत को 1584 वोटों से हराया था. वहीं 2008 के चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मीकांत शर्मा ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के बुंडेल सिंह यादव को 9 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
इस सीट पर रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे अहम हैं. यहां पर ना कोई बड़ा उद्दोग है और ना ही कोई शिक्षण संस्थान है. यहां के जिले अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. उद्दोग, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में ये क्षेत्र पिछड़ा हुआ है.ये इलाका रेल लाइन से आज भी दूर है. इसके अलावा बेरोजगारी भी बड़ी समस्या है.
टिकट की बात करें तो कांग्रेस एक बार वर्तमान विधायक गोवर्धन उपाध्याय को टिकट दे सकती है तो वहीं बीजेपी पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत शर्मा को मैदान में उतार सकती है.
2013 के चुनावी नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.