मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे सुरक्षित इलाका पॉलिटेक्निक चौराहे पर स्थित गांधी भवन में मंगलवार को हवाई फायर के बाद हड़कंप मच गया. दरअसल, जिस जगह पर हवाई फायरिंग हुई, वहां से चंद कदमों की दूरी पर मुख्यमंत्री निवास है. इसके अलावा मुख्यमंत्री कमलनाथ का निज निवास भी इसी इलाके में आता है.
हवाई फायरिंग की खबर जैसे ही पुलिस को मिली, आनन- फानन में श्यामला हिल्स थाने का बल गांधी भवन पहुंच गया. पुलिस के मुताबिक गांधी भवन में करणी सेना का एक सम्मेलन था. इस सम्मेलन में हवाई फायर किए गए. इस फायरिंग के वीडियो भी पुलिस को मिल गए हैं. हवाई फायरिंग पर करणी सेना से जुड़े लोगों का कहना था कि राजपूतों की अगवानी में फायरिंग आम बात है. हालांकि जब पुलिस पहुंची तो ज्यादातर लोग मौके से गायब दिखे.
अहम बात ये है कि इस सम्मेलन में संगठन के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी भी मौजूद थे. कालवी ने इस पूरे मामले पर कहा कि कुछ उत्साही लोगों ने पटाखे फोड़े होंगे. हालांकि फायरिंग का वीडियो वायरल हो चुका है और पुलिस अब वीडियो में दिख रहे शख्स की तलाश में जुट गई है. बता दें कि फायरिंग की घटना भोपाल के अतिसुरक्षित माने जाने वाले इलाके में हुई है. ऐसे में पुलिस भी सख्त एक्शन लेने के मूड में नजर आ रही है.
क्यों था सम्मेलन
मध्य प्रदेश में सवर्णों के 10 फीसदी आरक्षण को लागू कराने की मांग को लेकर यह सभा बुलाई गई थी. दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू किये जाने के बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने अभी तक इस आरक्षण को लागू नहीं किया है. यही वजह है कि भोपाल के गांधी भवन में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सभा बुलाई थी.