scorecardresearch
 

MP: बीजेपी के ऑपरेशन लोटस को कमलनाथ का झटका, 3 MLA को अपने खेमे में किया

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम जारी है. बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के जरिए कांग्रेस को मात देने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीन बीजेपी विधायकों को कांग्रेस के खेमे में लाकर राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है. बीजेपी के इन तीन विधायकों में संजय पाठक जैसे दिग्गज नेता का नाम भी अब शामिल हो गया है, जिनके ऊपर अभी तक हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप कांग्रेस लगा रही थी.

Advertisement
X
एमपी मुख्यमंत्री कमलनाथ
एमपी मुख्यमंत्री कमलनाथ

Advertisement

  • बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ से मिले
  • संजय पाठक भी पहुंचे थे कमलनाथ के घर

मध्य प्रदेश की सत्ता के जंग में बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह-मात का खेल जारी है. 'ऑपरेशन लोटस' के जरिए कमलनाथ सरकार को समर्थन करने वाले चार विधायक बीजेपी के खेमे में खड़े हैं. कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबर के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है. मुख्यमंत्री निवास पर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और संजय पाठक ने देर रात कमलनाथ से मुलाकात की. वहीं, बीजेपी के तीसरे विधायक शरद कोल पहले से ही बगावत का रुख अपनाए हुए हैं और कांग्रेस खेमे के साथ खड़े हैं.

बीजेपी ने इन विधायकों के देर रात कमलनाथ सरकार के पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल हनी लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. बीजेपी के दोनों विधायक लगभग एक घंटे तक मुख्यमंत्री आवास पर रहे. कमलनाथ के यहां से निकलने के बाद नारायण त्रिपाठी ने अपने इस्तीफे की खबर को गलत बताया और कहा कि वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आए थे. जब उनसे पूछा गया कि आप किसके साथ है उन्होंने कहा कि वे उसके साथ है जो वसुधैव कुटुम्बकम और सर्व धर्म सम्भाव को लेकर चल रहे.

Advertisement

मुख्यमंत्री निवास से विधायक नारायण त्रिपाठी के निकलने के आधे घंटे बाद बीजेपी विधायक संजय पाठक निकले. पाठक करीब लगभग डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक कमलनाथ के घर पर रहे. संजय पाठक बीजेपी के उन नेताओं में है, जिनके ऊपर कांग्रेस विधायकों के हॉर्स ट्रेडिंग करने का आरोप लगाया गया है. ऐसे में कमलनाथ से मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई हैं.

ये भी पढ़ें: कुर्सी की आस, पावर की प्यास: जानिए- कमलनाथ से क्यों रुठे हैं 4 साथी विधायक

संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी को मध्य प्रदेश में बड़े खनन कारोबारी के रूप में जाना जाता है. मंगलवार की रात मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा शुरू हुआ तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी विधायक संजय पाठक का नाम खुले तौर पर लिया था. माना जा रहा है कि इसी के बाद संजय पाठक की जबलपुर सहित कई खदानों पर छापेमारी की गई.

संजय पाठक बीजेपी से पहले कांग्रेस में रहे हैं और उनके कमलनाथ सहित कई नेताओं से रिश्ते अच्छे रहे हैं. नारायण त्रिपाठी और शरद कोल तो पिछले साल से ही बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं, लेकिन कमलनाथ से मुलाकत के बाद तीसरे नाम संजय पाठक का जुड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: गढ़ में लग गई सेंध, लेकिन ऑपरेशन लोटस से बेपरवाह ज्योतिरादित्य सिंधिया?

Advertisement

बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकार गिराने और बचाने की शुरूआत 3 मार्च की देर रात से हुई. गुरुग्राम के मानेसर के ITC रिजॉर्ट में बीजेपी पर 6 निर्दलीय और 4 कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगा. उसी वक्त कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह विधायकों को वापस लाने भी पहुंचे थे. इसके बाद दिग्विजय सिंह और शिवराज चौहान के बीच जुबानी जंग भी हुई थी.

Advertisement
Advertisement