मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार क्या विरोधी दल बीजेपी के विधायकों को निशाना बना रही है? बीजेपी विधायकों ने ये आरोप विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले उठाया है. बीजेपी विधायकों का कहना है कि सरकार बीजेपी विधायकों के इलाकों के काम को जानबूझ कर रुकवा रही है. हालांकि, सरकार ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
विरोधी दल का सत्तारुढ़ दल पर आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है . कभी योजनाओं को लेकर तो कभी सरकार के काम करने के तरीकों को लेकर सत्तारुढ़ दल हमेशा से विपक्षी पार्टी के निशाने पर होता है. वहीं, कमलनाथ सरकार के एक साल पूरे होने पर बीजेपी के दो विधायकों ने कांग्रेस सरकार पर बीजेपी विधायकों की अनदेखी और उनसे भेदभाव का आरोप लगाया है.
बीजेपी विधायक ने भेदभाव का लगाया आरोप
मध्य प्रदेश के बड़वानी से बीजेपी के इकलौते विधायक प्रेम सिंह पटेल ने अपनी विधानसभा में सड़क ना बनने के पीछे इसी भेदभाव को जिम्मेदार बताया है. प्रेम सिंह पटेल ने प्रदेश सरकार पर खुद के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. प्रेम सिंह पटेल का आरोप है कि जिले में कुल 4 विधायक हैं, जिसमें से तीन कांग्रेस के है. शासन कांग्रेस के तीनों विधायकों के इलाकों में सड़कों के प्रोजेक्ट पास कर रहा है, लेकिन उन्हें एक भी सड़क नहीं दी गई.
बीजेपी विधायक का आरोप है कि उन्हें जिले की बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता, प्रेम सिंह पटेल अकेले नहीं. भोपाल की हुजूर विधानसभा से विधायक रामेश्वर शर्मा भी यही आरोप लगा रहे हैं. रामेश्वर शर्मा के मुताबिक, सरकार कांग्रेस और बीजेपी विधायकों में भेदभाव कर रही है. इनका आरोप है कि शिवराज सरकार के समय जो सड़कें इनके इलाके में स्वीकृत हुई थी उसका काम भी रुका पड़ा हुआ है. बीजेपी विधायकों ने साफ कर दिया है कि वो इस मुद्दे को यहीं नहीं छोड़ेंगे, बल्कि आने वाले विधानसभा सत्र में इसे सदन में उठाएंगे.
कमलनाथ के मंत्री बोले- बेबुनियाद आरोप
हालांकि, सरकार ने बीजेपी विधायकों के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उल्टा केंद्र सरकार पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. कमलनाथ सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कमलनाथ सरकार नहीं, बल्कि मोदी सरकार मध्य प्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है और यूरिया के साथ-साथ फसल बीमा का फंड नहीं दे रही है. पीसी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार में अब तक किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है.