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MP में राजनीतिक घमासान: कमलनाथ तोड़ लाए बीजेपी के सरोवर से दो 'कमल'

बीजेपी के दोनों विधायकों को अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है. वे आज रात मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के साथ डिनर करेंगे.

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मध्य प्रदेश सरकार में उठापटक (फोटो-रवीश पाल सिंह)
मध्य प्रदेश सरकार में उठापटक (फोटो-रवीश पाल सिंह)

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मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में मतदान किया है. अब दोनों विधायकों को अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है. वे आज रात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ डिनर करेंगे.

कमलनाथ सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह ने बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा, 'पूर्ण रूप से बीजेपी के दोनों विधायक हमारे साथ हैं. नारायण त्रिपाठी और शरद कौल 100 प्रतिशत कांग्रेस पार्टी का साथ देना चाहते हैं.'

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विपक्ष को चुनौती दी है कि वह जब चाहे सदन में बहुमत का टेस्ट करा ले. दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दावा किया कि ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो सरकार एक दिन भी नहीं चलेगी. राज्य विधानसभा का माहौल बुधवार को काफी गर्माहट लिए रहा, क्योंकि एक दिन पहले ही कर्नाटक में बीजेपी ने सरकार गिराने में सफलता पाई है. अब मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने की चर्चाएं जोरों पर हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत सरकार के पास होने का दावा किया तो बीजेपी ने ऊपर के आदेश का जिक्र किया.

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विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ध्यानाकर्षण पर चर्चा के दौरान बुधवार को विपक्ष को बहुमत परीक्षण की चुनौती देते हुए कहा, "विपक्ष चाहे तो कभी भी बहुमत का परीक्षण कर ले, हम आज ही इसके लिए तैयार हैं, यहां कोई विधायक बिकाऊ नहीं है. कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल चलेगी और दम के साथ चलेगी. विकास का एक ऐसा नक्शा बनेगा जो हर वर्ग के लिए खुशहाली लाने वाला होगा."

कमलनाथ जब अपनी बात कह रहे थे तभी बीच में नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा, "उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे कार्यों पर विश्वास नहीं है लेकिन ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो राज्य में एक दिन भी नहीं लगेगा." कांग्रेस के विधायकों ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया. वहीं बीएसपी की विधायक राम बाई ने साफ तौर पर कांग्रेस सरकार का समर्थन करते हुए कहा, "कमलनाथ की सरकार अडिग है."

बीजेपी के दोनों विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने की बात को पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'घर वापसी' बताया और दोनों विधायकों को इसके लिए बधाई दी.

गौरतलब है कि पूर्व में भी बीजेपी के कई नेता राज्य सरकार को गिराने में ज्यादा समय न लगने का दावा कर चुके हैं. इन बयानों के बीच कमलनाथ ने हर बार यही कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह पूरे पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

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राज्य में कांग्रेस को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. राज्य की 230 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 114 और बीजेपी के 108 विधायक हैं. वर्तमान सरकार को निर्दलीय, बीएसपी और सपा विधायकों का समर्थन हासिल है.

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