मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के हाईस्कूल का रिजल्ट बीते दिनों घोषित हुआ. इस रिजल्ट के घोषित होने के साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से टॉपर्स की लिस्ट भी जारी की गई. अब इस लिस्ट को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल इस लिस्ट में 2016 से 2018 तक के टॉपर्स बच्चों का नाम है. इन नामों को जातिगत आधार पर बांटा गया है. इसको लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार को घेरने में जुटी है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे लेकर ट्वीट किया कि, 'भाजपा प्रदेश को जातिगत आधार पर बांटने का कार्य कर रही है. धार में एससी-एसटी गुदवाने के बाद अब हाईस्कूल के परिणामों को जातिगत आधार पर घोषित करना, भाजपा की निम्नस्तरीय सोच को दर्शाता है.'
भाजपा प्रदेश को जातिगत आधार पर बाटने का कार्य कर रही है....
धार में एससी - एसटी गुदवाने के बाद अब हाईस्कूल के परिणामों को जातिगत आधार पर घोषित करना , भाजपा की निम्नस्तरीय सोच को दर्शाता है.... pic.twitter.com/zC9bMzEwrN
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 14, 2018Advertisement
बता दें, बीते हफ्ते घोषित किए गये हाई स्कूल के रिजल्ट में इस साल के नतीजों की बीते दो सालों से तुलना की गई है. ये तुलना जातिगत आधार पर की गई है. इसमें बताया गया है कि जनरल, ओबीसी, एससी और एसटी छात्र किस डिवीजन में पास हुए हैं.
इस पूरे मामले पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सफाई दी है कि सरकारी योजनाओं का फ़ायदा वंचित वर्गों के छात्रों तक पहुंचाने के लिए रिजल्ट हमेशा से इस तरह बांटे जाते रहे हैं. इसमें कोई नयी बात नहीं है.