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एमपी: उपचुनाव में धड़ल्ले से टूट रहे कोरोना के नियम, HC ने कहा- ऐसे नेताओं पर हो FIR

ग्वालियर निवासी एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी जिसमें राजनीतिक दलों के खिलाफ गाइडलाइन से ज्यादा भीड़ इकट्ठी करने और संक्रमण को फैलाने में सहायक होने का आरोप लगाया था.

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उपचुनाव से पहले एक रैली को संबोधित करते एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ (फोटो- पीटीआई)
उपचुनाव से पहले एक रैली को संबोधित करते एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रैलियों में कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन
  • तय सीमा से ज्यादा भीड़ इकट्ठा करने का आरोप
  • कमलनाथ, नरेंद्र तोमर के खिलाफ FIR के निर्देश

मध्य प्रदेश उपचुनाव के लिए हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में उमड़ रही भीड़ पर अब हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. मंगलवार को हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जज ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि 19 अक्टूबर तक ऐसे नेताओं पर एफआईआर दर्ज की जाए जिन्होंने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया है. 

ग्वालियर निवासी एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी जिसमें राजनीतिक दलों के खिलाफ गाइडलाइन से ज्यादा भीड़ इकट्ठी करने और संक्रमण को फैलाने में सहायक होने का आरोप लगाया था. अपनी याचिका में एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने कहा था कि उपचुनाव में कोरोना गाइडलाइन का मजाक उड़ाया जा रहा है जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है.

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अब हाई कोर्ट के निर्देश के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, कमलनाथ, प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, सुनील शर्मा, सतीश सिकरवार, फूल सिंह बरैया और रामनिवास रावत पर आने वाले दिनों में एफआईआर दर्ज हो सकती है. बता दें कि मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं. इनके नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

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