scorecardresearch
 

MP: कांग्रेस विधायक के इस्तीफे से उपचुनाव में BJP के बहुमत का नंबरगेम बदला

मध्य प्रदेश के दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है. लोधी के इस्तीफे से एमपी विधानसभा का गणित एक बार फिर बदल गया है. बीजेपी को बहुमत के लिए उपचुनाव में महज 8 सीटों पर जीतने की जरूरत होगी तो कांग्रेस के लिए सभी 28 सीट जीतने की चुनौती खड़ी हो गई है. 

Advertisement
X
राहुल लोधी ने बीजेपी का दामन थामा
राहुल लोधी ने बीजेपी का दामन थामा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एमपी में कांग्रेस के 26 MLA छोड़ चुके हैं पार्टी
  • बीजेपी को बहुमत के लिए महज 8 सीटें चाहिए
  • कांग्रेस के लिए बहुमत के लिए सभी 28 सीटें चाहिए

मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बीजेपी ने तगड़ा झटका दिया है. दामोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है. लोधी के इस्तीफे से एमपी विधानसभा का गणित एक बार फिर बदल गया है. बीजेपी को बहुमत के लिए उपचुनाव में महज 8 सीटों पर जीतने की जरूरत होगी तो कांग्रेस के लिए सभी 28 सीट जीतने की चुनौती खड़ी हो गई है. 

Advertisement

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में दामोह सीट से राहुल लोधी ने बीजेपी के कद्दावर नेता और लंबे समय तक शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया को हराया था. लोधी के बीजेपी से गलबहियां करने संबंधी बातें मार्च के महीने में भी आई थी, जब सिंधिया समर्थकों विधायकों ने कांग्रेस से बागवत कर कमलनाथ की सत्ता से विदाई कर दी थी. हालांकि, लोधी ने उस समय कहा था कि बीजेपी में शामिल होने के लिए उन्हें तमाम प्रलोभन दिए जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी उनके ईमान को नहीं खरीद सकती है. उन्होंने कहा था कि किसी भी सूरत में कांग्रेस पार्टी से दगा नहीं करेंगे.

 
देखें: आजतक LIVE TV 

राहुल लोधी रविवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा से मिले और उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया. इसी के कुछ देर बाद राहुल लोधी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर राहुल लोधी ने कहा, 'कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार में घुटन महसूस कर रहा था. क्षेत्र का विकास ठप रहा. 15 महीने बनाम शिवराज सरकार के छह माह के कार्यकाल के आकलन के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है. 

Advertisement

मध्य प्रदेश में मार्च से लेकर अभी तक कुल 26 कांग्रेसी विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इसके अलावा तीन सीटें विधायकों के निधन के चलते खाली हुई हैं. इस तरह से मध्य प्रदेश में 29 विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं, जिनमें से 28 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव की वोटिंग 3 नवंबर को है और नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. 

एमपी का राजनीतिक समीकरण

एमपी विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं, जिसके हिसाब से बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा चाहिए. अब 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने के बाद भी विधानसभा में सीटों की स्थिति 229 रहेगी. इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा विधानसभा में अब 115 हो गया है. दामोह के विधायक के इस्तीफे के पूर्व तक कांग्रेस के पास 88 सीटें थीं, लेकिन अब यह संख्या 87 हो गई है. वहीं, बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय विधायकों की संख्या चार है. 

बीजेपी को बहुमत के लिए 8 सीटें चाहिए

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में से बीजेपी को अब बहुमत के लिए केवल 8 सीट की जरूरत पड़ेगी, जबकि कांग्रेस को सभी 28 सीट जीतनी होंगी. ऐसे में अब शिवराज सरकार कांग्रेस विधायकों को अपने खेमे में मिलाकर विधानसभा में मौजूदा गणित को उपचुनाव के नतीजे से पहले ही अपने पक्ष में आसान कर लेना चाहती है. इसमें बीजेपी की सफल हो रही है, जिसके चलते कमलनाथ की चुनौती और भी बढ़ती जा रही है. 

Advertisement


 

Advertisement
Advertisement