मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में तलवारें खिंच गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाजपा की महिला प्रत्याशी इमरती देवी को ‘आइटम’ कहा, जिसपर अब महाभारत छिड़ गई. कमलनाथ के इसी बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मौन धरने पर बैठे.
शिवराज सिंह चौहान करीब दस बजे से दोपहर 12 बजे तक मौन धरने पर बैठे. इस दौरान बीजेपी के कई नेताओं ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में धरना दिया.
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj , चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक श्री @bhupendrasingho , गृहमंत्री श्री @drnarottammisra , मंत्री श्री @VishvasSarang , विधायक श्रीमती @KrishnaGaurBJP समेत भाजपा पदाधिकारी भोपाल में मौन व्रत पर बैठे। pic.twitter.com/Y3k26imzFi
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) October 19, 2020
धरने पर बैठने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, देश में मां, बहन और बेटियों का सम्मान रखा जाएगा, हम महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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पूरा घटनाक्रम कुछ इस तरह है…
दरअसल, मध्य प्रदेश के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मंच से कहा, 'सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे साधे हैं. यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, 'यह क्या आइटम है'.
इतना ही नहीं, कमलनाथ के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जनता 3 नवंबर को इमरती देवी को जलेबी बना देगी.
भारतीय जनता पार्टी ने किया पलटवार
कमलनाथ के इस बयान पर बवाल होना लाजमी था और बीजेपी ने आक्रामक तरीके से इस मसले को उठाया. प्रत्याशी इमरती देवी, जिनके लिए कमलनाथ ने अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया, उन्होंने कहा कि अगर मेरा जन्म गरीब परिवार में हुआ तो इसमें मेरी क्या गलती है? अगर मैं दलित समुदाय से आती हूं तो उसमें मेरी क्या गलती है? मैं सोनिया गांधी (जो एक मां भी हैं) से अपील करना चाहती हूं कि वो इस तरह के लोगों को अपनी पार्टी में जगह न दें. अगर एक महिला के खिलाफ इस तरह के शब्द के प्रयोग होंगे तो वो आगे कैसे बढ़ेगी?
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है, जिसके नतीजे बिहार के साथ ही 10 नवंबर को आएंगे. शिवराज सिंह चौहान की सरकार को बरकरार रखने और मजबूती के लिए भाजपा को इन सीटों में से अधिकतर पर जीत हासिल करना जरूरी है.