मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यूं तो बेहद सौम्य स्वभाव का माना जाता है, लेकिन साल 2017 में पहली बार बुलाई गई मंत्रियों और अफसरों की बैठक में उनके तल्ख तेवरों को देखकर मंत्री से लेकर अफसर तक हैरान रह गए.
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हुए सीएम शिवराज
दरअसल 2018 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में साल 2017 आते ही उसकी उल्टी गिनती भी शुरु हो गई है. इसी के मद्देनजर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री और उनके विभागों से जुड़ें अफसरों के साथ मंत्रालय में समीक्षा बैठक बुलाई थी. बैठक के दौरान शिवराज ने भ्रष्टाचार पर बेहद ही सख्त रुख अपनाया. यही नहीं उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि किसी विभाग में अगर भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है, तो उस विभाग के मंत्री को भी नहीं छोड़ा जाएगा. शिवराज ने कहा कि विभाग में करप्शन के लिए मंत्री भी जिम्मेदार होंगे.
नहीं बख्शे जाएंगे अफसर और मंत्री
मंत्रियों के बाद शिवराज ने अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर कोई अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो वो जाएगा ही, लेकिन जिन अफसरों के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं और अगर वो चेतावनी के बाद अभी भी नहीं सुधरे हैं तो उन्हें अब सीधे बर्खास्त किया जाएगा.
सीएम के गुस्से का पहले भी शिकार बन चुके हैं अफसर
ये पहली बार नहीं है जब अफसरों की कार्यशैली से शिवराज को गुस्सा आया हो. पिछले महीने ही भोपाल के हमीदिया अस्पताल के औचक दौरे के दौरान वहां फैली अव्यवस्था और गंदगी देख सीएम भड़क गए थे. सीएम शिवराज ने उसी वक्त अस्पताल के कई पदाधिकारियों को पद से हटा दिया था और अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा देखने वाली कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया था.