बिहार में शराबबंदी की तर्ज पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि नर्मदा नदी के किनारे बनी शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा. यह फैसला मध्यप्रदेश की जीवनरेखा मानी जाने वाली नर्मदा को साफ व अविरल
रखने के लिए किया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों नर्मदा की परिक्रमा के लिए नर्मदगा सेवा निकाल रहे हैं.
यात्रा के दौरान जब शिवराज सिंह चौहान होशंगाबाद पहुंचे तो उन्होंने ऐलान किया कि नर्मदा नदी के 5 किमी. के दायरे में आने वाली सभी शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा, इस फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी हैं.
आबकारी विभाग के मुताबिक पूरे राज्य में नर्मदा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली लगभग 57 दुकानें हैं जिनपर ये फैसला लागू होगा. नर्मदा के उद्गम से लेकर गुजरात की सीमा में दाखिल होने तक नर्मदा मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, धार, खरगौन ज़िलों से होकर गुज़रती है. हालांकि ये फैसला लेना शिवराज सिंह चौहान के लिए आसान नहीं था क्योंकि इन दुकानों के बंद होने से सरकारी खजाने को करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान होना संभावित है.
क्या मध्यप्रदेश में भी होगी पूर्ण शराबबंदी?
नर्मदा किनारे की शराब दुकानों को बंद किए जाने के ऐलान के साथ ही ये सुगबुगाहट भी शुरु हो गयी है कि गुजरात और बिहार के बाद क्या मध्यप्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी लागू होगी. क्योंकि सीएम शिवराज ने साफ कहा है कि सिर्फ नर्मदा किनारे की
दुकानों को बंद ही नहीं किया जाएगा बल्कि अभी सरकार नशामुक्ति अभियान भी चलाएगी ताकि लोगों को नशे की आदत से दूर किया जा सके. लेकिन सवाल उठता है कि क्या सरकार उसके खज़ाने पर इतना बड़ा घाटा उठाएगी क्योंकि आंकड़ों की मानें तो
सरकार को पिछले साल आबकारी विभाग से 7 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की आय हुई है.