लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में 15 साल के लंबे इंतजार के बाद सत्ता पर काबिज होने वाली कांग्रेस अपने वचनपत्र को पूरा करने में लगी है ताकि उसका फायदा उसे चंद महीनों में होने वाले आम चुनाव में मिले. राज्य की कमलनाथ सरकार ने वचनपत्र का एक और वादा निभाते हुए मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना की शुरुआत कर दी है. शुक्रवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में इस योजना का शुभारंभ किया गया. इस योजना के तहत राज्य के मूल निवासी और शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे युवा जिनकी उम्र 21 से 30 साल तक है अपना पंजीयन करवा सकते हैं. इस योजना में 2 लाख रुपये सालाना से कम आमदनी वाले परिवार के शहरी युवाओं को लाभ दिया जाएगा.
21 फरवरी तक मध्य प्रदेश के करीब 1 लाख 50 हजार शहरी युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. युवा स्वाभिमान योजना में नौजवानों को 100 दिन में चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे और साथ ही उन्हें अलग-अलग कामों के लिए प्रशिक्षण भी देंगे, जिससे आगे चलकर वो खुद के पैरों पर खड़े हो सकें. भोपाल से योजना की शुरुआत करते हुए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले शुरुआती 12 युवाओं को सर्टिफिकेट दिए गए.
इन 12 युवाओं को आने वाले 100 दिनों में कंप्यूटर रिपेयरिंग, हेल्थ जीडी असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, जनरल ड्यूटी, कार्यालय सहायक, हेयर स्टाइल, इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रानिक के क्षेत्र में उनकी रूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा.
योजना की शुरुआत करते हुए सीएम कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. कमलनाथ ने कहा कि मोदी ने स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया के नारे दिए थे लेकिन रोजगार नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि युवाओं को नारे नहीं चाहिए, उसे कोई ठेका नहीं चाहिए, कमीशन नहीं चाहिए, बल्कि उसे रोजगार चाहिए.
नाराज मेयर छोड़ कर चले गए कार्यक्रम
भोपाल में युवा स्वाभिमान योजना के शुभारंभ के मौके पर भोपाल मेयर आलोक शर्मा को भी न्योता दिया गया था क्योंकि ये कार्यक्रम नगरीय विकास विभाग और नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा था और मेयर शहर के प्रथम नागरिक होते हैं तो ऐसे में उन्हें आखिर में आभार स्पीच देनी थी, लेकिन जब उनकी जगह भोपाल (मध्य) से विधायक आरिफ मसूद को आभार भाषण के लिए बुलाया गया तो अनदेखी से नाराज मेयर आलोक शर्मा कार्यक्रम को सीएम कमलनाथ के सामने ही छोड़ कर चले गए.