तमाम विरोध के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) अमल में आ गया है. कांग्रेस भी इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बता रही है. इस कड़ी में कांग्रेस ने उन सभी राज्यों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाने की घोषणा की थी, जिन राज्यों में पार्टी की सरकार है. पार्टी के इस प्लान पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अमलीजामा पहना दिया है.
मध्य प्रदेश के स्कूलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है. शनिवार को सभी सरकारी स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाई गई. राजधानी भोपाल की माचना कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में पहुंचे कानून मंत्री पीसी शर्मा ने इसकी औपचारिक शुरुआत की. इस अवसर पर अपने संबोधन में शर्मा ने कहा कि बच्चे यदि कम उम्र से ही संविधान के प्रति जागरूक हो जाएंगे तो इसके प्रति सम्मान की भावना भी छोटी उम्र से ही आ जाएगी.
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उन्होंने कहा कि यदि कोई संविधान के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करता है तो आगे चलकर वह भलि-भांति उसे पहचान भी सकेंगे. सरकार की ओर से इस संबंध में कहा गया था कि इसका उद्देश्य बच्चों को कम उम्र से ही संविधान के प्रति जागरूक करना है. गौरतलब है कि सरकार ने प्रत्येक शनिवार को प्रार्थना के बाद या फिर स्कूलों में होने वाली बाल सभा के दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ाए जाने का ऐलान किया था.
भोपाल के एक स्कूल में पीसी शर्मा ने की औपचारिक शुरुआत
भाजपा ने किया स्वागत, कसा तंज भी
सरकार के इस कदम का विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वागत किया है. साथ ही पार्टी ने इस पर तंज भी किया है. भाजपा नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम बच्चों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ाए जाने का स्वागत करते हैं, लेकिन इसके साथ ही अब सरकार को जल्द ही प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून भी लागू कर देना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए, क्योंकि यह कानून भी संविधान के तहत ही संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह देखकर हंसी आती है कि जो कांग्रेस सरकार प्रदेश में संविधान के तहत संसद के दोनों सदनों से पारित नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं कर रही है, वही कांग्रेस सरकार अब संविधान की बातें कर रही है.