मध्य प्रदेश में सियासी नाटक जारी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार को अग्नि-परीक्षा का सामना करना है. इस बीच जयपुर भेजे गए कांग्रेस विधायक मध्य प्रदेश वापस लौट आए हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक अब भी हरियाणा के मानेसर में हैं और इस बीच दिल्ली में बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच बैठक हुई है.
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भोपाल के लिए रवाना होने से पहले मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने आज तक से बातचीत में कहा कि फ्लोर टेस्ट का आदेश देने का हक गवर्नर के पास नहीं है. यह अधिकार स्पीकर का होता है. वहीं कांग्रेस विधायकों ने कहा कि कमलनाथ सरकार रहेगी और वे फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेंगे. दरअसल, कांग्रेस कमलनाथ की सरकार को बचाने को लेकर लगी कवायद के चलते अपने विधायकों को कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान लाई थी.
कांग्रेस के विधायकों को जयपुर के ब्यूना विस्टा रिसॉर्ट और ट्री हाउस रिसॉर्ट में ठहराया गया था. ट्री हाउस जयपुर के सबसे लग्जरी रिसॉर्ट में गिना जाता है. ट्री हाउस रिसॉर्ट जयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर है और अपने हाई प्रोफाइल लग्जरी क्लाइंट के लिए जाना जाता है. इस होटल के एक कमरे का किराया 25,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से है. इस रिसॉर्ट के सारे कमरे पेड़ों पर बने हुए हैं.
कांग्रेस विधायक (फोटो- रवीश पाल सिंह)
वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है और कहा है कि इन्हें चुनी हुई सरकार गिराने की बहुत जल्दी है.
बहुत जल्दी है इन्हें चुनी हुई सरकार गिराने की
पाला बदलवाने की
दूसरों को अपना बनाने की
देश से लोकतंत्र मिटाने की | #BJP #FloorTest #MadhyaPradesh #kamalnath
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) March 15, 2020
वहीं मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा पटल पर बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ राज्य में सियासी सरगर्मी एक बार फिर से बढ़ गई है. लगभग आधी रात को राजभवन से इस के लिए एक पत्र राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ को भेजा गया.
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राजभवन से सीएम को जारी किए गए पत्र के मुताबिक राज्यपाल ने सीएम को कहा कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं से उन्हें प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उनकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और ये सरकार अब अल्पमत में है. राज्यपाल ने कहा है कि ये स्थिति अत्यंत गंभीर है और सीएम कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें.
कांग्रेस विधायक (फोटो-रवीश पाल सिंह)
22 विधायकों के इस्तीफे
राज्य में बीते कुछ दिनों से सियासी खलबली मची हुई है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं. इनमें 6 मंत्री भी थे. इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से छह विधायक जो राज्य में मंत्री थे, उनके इस्तीफे को विधानसभाध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मंजूर कर लिया है.