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MP: जांच में देरी से हुई कई कोरोना मरीजों की मौत, समीक्षा से हुआ खुलासा

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा से पता चला है कि मध्यप्रदेश में कई कोरोना मौतें समय पर जांच न होने और मरीज को वक्त पर रेफर न करने की वजह से हुई हैं.

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देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले (फाइल फोटो)
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले (फाइल फोटो)

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  • कई मरीजों की मौत रेफर करने में देरी से हुई है
  • मध्यप्रदेश में अब तक 525 लोगों की मौत हो चुकी

मध्यप्रदेश में कोरोना की वजह से हुई मौतों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. खुद स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा से पता चला है कि मध्यप्रदेश में कई कोरोना मौतें समय पर जांच न होने और मरीज को वक्त पर रेफर न करने की वजह से हुई हैं. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने पहले ही सरकार को इस बारे में आगाह किया था.

क्या मध्यप्रदेश में कोरोना संकटकाल के दौरान संदिग्ध मरीजों को समय पर सही इलाज नहीं मिल पाने से लोग मर रहे हैं? क्या मध्यप्रदेश में कोरोना संदिग्धों की समय से जांच होने या उन्हें समय पर अस्पताल रेफर करने में देरी हो रही है?

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ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने मध्यप्रदेश में कोरोना की वजह से हुई मौतों की समीक्षा की है जिसमें खुलासा हुआ है कि कई मौतें मरीजों को देरी से अस्पताल में रेफर करने या इलाज शुरू करने में देरी की वजह से हुई है क्योंकि इस दौरान कॉम्प्लिकेशन होने की वजह से मरीज की सेहत बिगड़ती गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई.

कोरोना मरीजों की मौत की समीक्षा के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने मध्यप्रदेश के सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ को चिट्ठी लिख कहा है कि भविष्य में प्रोटोकॉल के तहत मरीज की जांच और रेफरल किया जाए तो मृत्यु में कमी लाई जा सकती है.

इलाज की व्यवस्था न करने से मरीज की हालत बिगड़ी

प्रमुख सचिव की इसी चिट्ठी के बाद स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा, 'कोरोना के इलाज में जो कमी रह गई अब उसे दूर किया जाएगा. दरअसल जहां-जहां से हमें कमी के बारे में पता चलता जा रहा है हम उसे दूर कर रहे हैं और यही वजह है कि हमारा कोरोना ग्रोथ रेट और मृत्यु दर दोनों कम हुए हैं.'

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दरअसल मध्यप्रदेश में कोरोना की वजह से अबतक 525 लोगों की मौत हो चुकी है. एक समय ऐसा था जब मध्यप्रदेश की कोरोना मृत्यु दर काफी ज्यादा हो गई थी. इसको देखते हुए सरकार ने कोरोना मरीजों की समय से पहचान और उपचार के आदेश भी जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद मरीजों को शुरुआती दौर में ही डॉक्टरों द्वारा स्क्रीनिंग, सेंपलिंग और लक्षणों के आधार पर इलाज की व्यवस्था न करने से मरीज की हालत बिगड़ रही है.

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विपक्ष में बैठी कांग्रेस कहां पीछे रहती

कलेक्टरों को भेजे पत्र में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बाकायदा भोपाल, शाजापुर और इंदौर के ऐसे 4 मामलों का भी जिक्र किया है जिसमें इन्हीं वजहों से मरीजों की जान गई है. जब विभाग ने ही लापरवाही की वजह से मौत के बारे में खुलासा कर दिया तो जाहिर है कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस कहां पीछे रहती.

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कोरोना मरीजों की मौत की समीक्षा रिपोर्ट पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है और इसकी कमान खुद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संभाली है. दिग्विजय सिंह ने कहा, 'कांग्रेस शुरू से ही इस बात को बोल रही थी कि कोरोना की जांच और उसके बाद मरीज के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है और अब तो खुद विभाग के अफसर ही इसकी जानकारी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए कि जिन जिलों में ऐसा हुआ है वहां से स्वास्थ्य अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करें.'

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