कर्ज में डूबे किसानों की खुदकुशी की खबर आम है, लेकिन मध्य प्रदेश में एक किसान इतना मजबूर हुआ कि उसने कर्ज वापसी के लिए अपने बच्चों को गिरवी रख दिया.
अब तक सामान गिरवी रखे जाने की बात सुनी गई थी. लेकिन प्रदेश के हरदा जिले में तो मासूम जानों को गिरवी रख दिया गया है. एक लाचार किसान ने कर्ज से छूटने के लिए अपने बच्चों के किराए के बंधन में बांध दिया. बच्चे बेचारे अपने पिता के आदेश के गुलाम और पिता जिन्दगी की जद्दोजहद से मारा हुआ...उसकी मां करती भी क्या? कर्ज सीने पर भारी पड़ता चला गया, तो रूह के टुकड़ों का एक गड़ेरिए से सौदा कर लिया.
एक भाई की कीमत 20 हजार लगी, तो दूसरे की 15 हजार. लेकिन गिरवी रखने की ये कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. पता चला कि पिता भी खुद को किराए पर रख चुका है.
जिस चरवाहे के पास बच्चा गिरवी रखा था, उसने उनके साथ जानवरों जैसा सलूक करना शुरू कर दिया. न खाने को अन्न, न पीने को पानी और काम बंधुआ मजदूरों जैसा. आजिज आकर बच्चे भाग खड़े हुए. खबर फैली, तो जिले के कलेक्टर ने इंसाफ का भरोसा दिलाया.
बीजेपी सरकार के मंत्री ने घटना पर दुख और आश्चर्य जताया, साथ ही प्रशासन की लापरवाही की बात भी मानी.
यह भारत की दोहरी तस्वीर है, जहां कई शहरों के कोने अमेरिकी शहरों से झिलमिलाते हैं और वहीं से सौ फर्लांग पर स्याह अंधेरा पंख फैलाए बैठा होता है. कोई अरबों लुटा देता है, कोई दो जून की रोटी के लिए अपनी जान से प्यारे बच्चों को किराए पर छोड़ आता है.