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धार की एक महिला ने एक फेमस फैशन मैगजीन में जगह बनाकर अपने शहर, मध्य प्रदेश और भारत का नाम रोशन किया है. 22 साल की सीता वसूनिया को कपड़ों पर छपाई की एक विधा ‘धरा कला प्रिंट’ में महारत हासिल है. इसी प्रिंट की साड़ी पहनकर सीता ने फोटो सेशन कराया. इसी सेशन से जुड़ी तस्वीरों को मैगजीन ने अपने डिजिटल एडिशन में स्थान दिया है.
दरअसल, धार में जिला प्रशासन की ओर से महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. जिला पंचायतों की ओर से धार डेवलपमेंट एजेंसी के माध्यम से महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि उन्हें रोजगार दिलाया जा सके. इन्हीं महिलाओं ने धरा कला प्रिंट का खुद इजाद किया. सीता वसूनिया भी इन्हीं महिलाओं में से एक हैं. जिन्होंने इस प्रिंट की साड़ी पहनकर फोटो सेशन कराया तो मैगजीन ने इन्हें स्थान देकर रातों रात फेम कर दिया.
सेल्फ हेल्प ग्रुप साड़ी, सलवार सूट, दुपट्टे, कुर्ते, जैकेट जैसे कई तरह के कपड़ो पर धार प्रिंट करके इन्हें बाजार के लिये तैयार करते हैं. अपनी इस उपलब्धि से सीता बहुत खुश हैं. इसी क्षेत्र में बहुत कुछ करना चाहती हैं. साथ ही वह चाहती हैं कि सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए अधिक से अधिक महिलाएं स्वावलंबन का रास्ता अपनाएं जिससे उनकी आर्थिक हालत में सुधार हो सके.
सीता वसूनिया ने 'आजतक' से खास बातचीत में बताया, 'इस तरह से प्रिंटिंग बहुत मेहनत का काम है. इसमें ब्लॉक प्रिंट है, ब्लॉक से प्रिंट करते हैं, फिर धूप में सुखाते है, इसके बाद प्रेस की जाती है. धरा प्रिंट कला इसका हमने नाम रखा है.”
सीता वसूनिया ने कहा, “जहां तक फोटोशूट का सवाल है तो इतना पता नहीं था. हमे तो सिर्फ सिम्पल सा फोटो शूट करना था साड़ी के लिए, हमने वैसे ही किया ज्यादा फैशन में नहीं किया.”
वहीं, जिला प्रशासन भी सीता की उपलब्धि से बहुत खुश है. उसका मानना है कि इससे और महिलाओं को भी स्वरोजगार की प्रेरणा मिलेगी. धार की अपर कलेक्टर सलोनी सिडाना का कहना है कि “सीता वसूनिया ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिला प्रशासन अब इस दिशा मे सीता जैसी महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने की कोशिश करेगा.”
सलोनी सिडाना ने ये भी कहा, “ये साड़ियां इन्हीं महिलाओं की ओर से बनाई गई हैं, फिर इनके प्रमोशन के लिए कोई और इन्हें पहनकर फोटो क्यों खिंचवाए. इन महिलाओं का खुद ही मॉडलिंग करना शायद बहुत अच्छा कॉन्सेप्ट होगा. इस टाइम पर ये कहूंगी कि रिस्की कॉन्सेप्ट था कि मार्केट में सेलेबल वैल्यू आमतौर पर फैशन मॉडल चेहरों की ज्यादा होती है. लेकिन जब हमने फोटो शूट करवाया, दिल्ली से एक फैशन फोटोग्राफर आईं. ये सुनिश्चित किया गया कि फोटोशूट में कोई फिल्टर नहीं यूज किया जाए, एकदम नेचुरल हों, कोई बहुत ज्यादा मेकअप न हो, इन्हीं की बनाई साड़ी का फोटो शूट हुआ और इसी का नतीजा है कि ये मैगजीन के डिजिटल एडिशन जगह बनाने में कामयाब हुआ.”
इनपुटः छोटू शास्त्री